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सर्दी में दिल का रखें ध्यान : ठंड में क्यों बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले, जानिए कैसे कार्डियक अरेस्ट से बचें ?

सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं. आखिर सर्दियों में ऐसा क्यों होता है. कैसे हार्ट अटैक से बचा जा सकता है. इन सब मुद्दों पर ईटीवी भारत ने हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव से बात की है.

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Published : Feb 4, 2022, 9:59 PM IST

how to avoid cardiac arrest
सर्दी में दिल का रखें ध्यान

रायपुर: सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक के केस बढ़ जाते हैं. अस्पतालों में हार्ट के मरीज की संख्या बढ़ जाती है. खासकर हार्ट अटैक की समस्या बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलती है. आजकल 25 से 45 वर्ष के बीच के युवा भी हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव से बात की है. आप भी जानिए कैसे आप अपने दिल की सेहत को सही रख सकते हैं

ठंड में क्यों बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले

सवाल: ठंड में हार्ट अटैक की मुख्य वजह क्या है ?

जवाब : लगातार हो रहे शोध के बाद यह बात सामने आई है कि ठंड में विशेषकर हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं. इससे कई वैज्ञानिक कारण सामने आए हैं. जिसमें कुछ पानी पीने की कमी रहती है. जिस कारण से हमारा खून गाढ़ा हो जाता है. सर्दियों में स्वतः भी खून गाढ़ा हो जाता है. सर्दी से लड़ने के लिए हमारे शरीर को गर्म रखने के लिए हार्ट पर ज्यादा जोर पड़ता है. इसलिए भी हार्ट अटैक के केस बढ़ जाते हैं. हाल ही में एक और शोध आया है कि जो खून का थक्का जमाने की प्रक्रिया होती है वह सर्दियों में ज्यादा तेज होती है. यह भी पाया गया कि सर्दियों में वायरल फीवर ओर कोरोना में भी यह पाया गया है कि इन से लड़ने के लिए भी शरीर को ज्यादा ब्लड लगता है. ज्यादा ताकत लगती है इस कारण भी हार्ट पर ज्यादा जोर पड़ता है. त्वचा के नीचे की धमनियां भी संकुचित रहती है जो ठंड से बचना चाहते हैं, यह धमनियां गर्मी को ज्यादा यूज़ नहीं करना चाहती है. इस कारण हमारा ब्लड प्रेशर भी सर्दियों में 10-20 ज्यादा रहता है. यह सभी चीजें हार्ट पर जोर बढ़ा देते हैं. हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है. उससे हार्टअटैक ज्यादा होने की संभावना बढ़ जाती है.

सवाल: हार्टअटैक किस आयु वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा होता है.

जवाब : सर्दियों में खासकर 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को हार्टअटैक ज्यादा होने की संभावना रहती है. सामान्यत: यह भी देखा गया है कि युवाओं की अपेक्षा बुजुर्गों में ज्यादा हार्ट अटैक के मामले सामने आए हैं. लेकिन हाल ही में ऐसा भी देखा जा रहा है कि 30-40 साल से नीचे के युवा भी हार्टअटैक के शिकार हो रहे हैं. जो की चिंता का विषय बना हुआ है. इसे हम लोग भी समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर युवाओ में इतने हार्ट अटैक के मामले सामने क्यों आ रहे हैं. इसका कुछ कारण तो सभी लोग जानते हैं. धूम्रपान का सेवन करना हार्ट अटैक की संभावना को बढ़ा देता है

सवाल : एक अनुपात की बात की जाए तो हार्टअटैक के मामलों में युवाओं का कितना प्रतिशत होता है ?

जवाब : युवाओं में हार्टअटैक की बात की जाए तो पिछले एक-दो महीने में युवाओं में हार्ट अटैक की संख्या काफी बढ़ी है जो चिंता का विषय है. हालांकि भारत में यदि पश्चिमी देशों से तुलना की जाए तो वहां 45 साल के लोगों तक को हार्ट अटैक आता है. लेकिन हमारे यहां अभी लगभग 25 से 35 ओर 35 से 45 साल के युवा बहुत अधिक संख्या में कार्डियक अरेस्ट के शिकार हो रहे हैं.

सवाल : हार्ट अटैक के लिए क्या खान-पान भी जिम्मेदार है

जवाब : खानपान बहुत महत्वपूर्ण है. यदि आप हार्ट अटैक के बेसिक कारण को समझेंगे तो एक शरीर की स्थिति और इच्छा रहती है कि जो भी खाद्य पदार्थ मिले उसको संचित करके रख ले ताकि जब किसी समय शरीर बीमार हो तो उसको ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकें. शरीर की यह संचित करने की जो इच्छा रहती है वो चर्बी बनाती है और वही चर्बी नसों में ब्लॉकेज के रुप जमा हो जाती है. इसलिए खानपान हार्ट अटैक के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है. अगर हम खान पान सही रखते हैं तो हार्ट अटैक की संभावना को कम किया जा सकता है.

सवाल : यदि किसी को हार्ट अटैक आता है तो तत्काल उसे किस तरह मदद पहुंचाई जा सकती है या उपचार किया जा सकता है

जवाब : इसे लेकर लोगों मे कुछ भ्रांतियां हैं. विद्वान लोग मानते हैं कि जीभ के नीचे सॉर्बिट्रेट की गोली रखने से हमारा जीवन बच सकता है, ऐसा नहीं है. उससे सिर्फ आपका दर्द कम होगा और 2 से ज्यादा गोली लेने की जरूरत पड़ी तो वह आपके ब्लड प्रेशर को कम कर सकती है और हार्टअटैक को बढ़ा सकती है. इसलिए एक या दो से ज्यादा गोली का सेवन नहीं करना चाहिए.

दूसरी जो गोली सबके पास होनी चाहिए , हम लोग भी यह किट बांटते हैं उसमें स्टैटिन की गोली रहनी चाहिए. एस्पिरिन की गोली होनी चाहिए. जिसे चबाकर खाना है. इस बात का ध्यान रखें कि इस गोली को चबाकर खाना है जिससे इसका असर तुरंत शुरू हो जाए यदि गोली को निगल जाएंगे तो उसके असर में 15 से 20 मिनट का समय लगेगा जो नुकसानदायक हो सकता है. तीसरा एक और ब्लड को पतला करने की दवा है जो क्लोपीडोगरेल की गोली है. इसे भी लेना है. इन तीनों गोलियों को लेने के बाद आप किसी चिकित्सक या अस्पताल तक पहुंचने लायक हो सकते हैं.

सवाल : ऐसे कौन से उपाय हैं या फिर दिनचर्या में बदलाव है जिसे करने के बाद हार्टअटैक नहीं आएगा या फिर उसकी संभावना कम हो जाएगी ?

जवाब : अच्छा नेचुरल और कम पका हुआ भोजन करें , क्योंकि हमारे शरीर का डिजाइन ऐसा बनाया कि जंगल में रहना है. फल, फूल और कंदमूल खाने हैं. जितना अधिक हम परिष्कृत भोजन लेते हों उतना अधिक भोजन पचाने में परेशानी होती है. जो सुपाच्य भोजन होता है वह जल्दी चर्बी में कनवर्ट हो जाता है ओर हमारे शरीर में संचित हो जाता है. दूसरा कम से कम 10,000 कदम रोज चलना जरूरी है. इन चीजों को समझना जरूरी है. आज का सबसे बड़ा कारण तमाकू का सेवन है. उसे किसी भी रूप में नहीं लेना हैं, क्योंकि यह हार्टअटैक के लिए महत्वपूर्ण कारक है. इससे हार्ट की उत्तेजना धड़कन बढ़ जाती है, ब्लड गाढ़ा हो जाता है, तुरंत थक्के बनकर हार्टअटैक आने की संभावना बढ़ जाती है इन चीजों को सेवन नहीं करना चाहिए.

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