रायपुर:छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी (JCCJ) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के चर्चित जाति मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. अमित जोगी ने याचिका दायर कर छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग अधिनियम 2013 में सितंबर-अक्टूबर 2020 में हुए अनु संशोधन को कानून विरुद्ध बताते हुए उसे निरस्त करने की मांग की है.
अजीत जोगी और अमित जोगी का जाति विवाद लंबे समय से चल रहा है. इसे लेकर राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त भी कर दिया था. जिला प्रमाण पत्र समिति ने 4 जुलाई 2020 को अमित जोगी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इसके बाद मामला रायपुर स्थित राज्य की उच्च प्रमाण पत्र समिति को भेजा गया. इसी बीच अमित जोगी ने अक्टूबर में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की. उन्होंने 24 सितंबर 2020 में नियमों के अनु संशोधन को गैरकानूनी और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताते हुए निरस्त करने की मांग रखी.
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ये है पूरा मामला
इस दौरान 3 नवंबर को मरवाही विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हुए, लेकिन जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद अमित जोगी का नामांकन खारिज हो गया और वे चुनावी मैदान से बाहर रहे. बता दें कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति के मामले में हाई पॉवर कमेटी की रिपोर्ट में उन्हें आदिवासी नहीं माना था. इसके बाद छत्तीसगढ़ में उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कंवर आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया था. साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ की तत्कालीन रमन सिंह सरकार को पूर्व आईएएस अधिकारी जोगी की जाति का पता लगाने के लिए एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे. जून, 2017 में कमेटी ने अपनी जांच में जोगी को आदिवासी नहीं माना. इसके खिलाफ जोगी हाईकोर्ट पहुंच गए. 2018 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दूसरी बार उच्चाधिकार स्क्रूटनी कमेटी का गठन किया था.