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health services ruins in chhattisgarh : स्टायपेंड बढ़ाने की मांग पर जूडा की हड़ताल - demands increase in stipend

छत्तीसगढ़ के सीनियर रेजीडेंट जूनियर डॉक्टर, जूनियर रेजीडेंट और इंटर्नशिप करने वाले लगभग 3000  डॉक्टर गुरुवार से हड़ताल पर हैं. डॉक्टरों की एक सूत्रीय मांग है कि उनका स्टायपेंड बढ़ाया जाए. प्रदेश के सबसे बड़े अंबेडकर अस्पताल के सभी लगभग 800 डॉक्टर मेडिकल कॉलेज के बाहर ही धरने पर बैठे हुए हैं. इस वजह से गुरुवार सुबह से ही अस्पताल में चिकित्सा सेवा व्यवस्था प्रभावित है.

health services ruins in chhattisgarh
स्टायपेंड बढ़ाने की मांग पर जूडा की हड़ताल
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Published : Jan 19, 2023, 5:15 PM IST

Updated : Jan 19, 2023, 8:02 PM IST

रायपुर :मेडिकल कॉलेज के बाहर धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की ज्वाइंट सेक्रेट्री डॉ आफरीन शम्स ने कहा " हमारी मुख्य मांग स्टायपेंड की है. इंटर्न लेवल से लेकर पोस्ट लेवल इंटर्न ,पीजी और पोस्ट पीजी रिसिडेंट डॉक्टर की सभी का मानदेय बाकी राज्यों की तुलना में कम है. इसलिए हम स्टायपेंड बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. पिछले 2 सालों से मंत्री अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी मांग कर रहे हैं, लेकिन वहां सिर्फ मौखिक आश्वासन दिया गया, हमारी बातों पर ध्यान नही दिया गया. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी हमारी हड़ताल जारी रहेगी.''



कितने डॉक्टर्स कर रहे हड़ताल :जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉक्टर व्योम अग्रवाल ने कहा "प्रदेश में 3000 से ज्यादा डॉक्टर स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. रायपुर में 800 डॉक्टर हड़ताल पर हैं. हमें जब तक सकारात्मक जवाब नहीं मिलेगा, तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी. 4 साल पहले वेतन वृद्धि हुई थी, उसके बाद हमें आश्वासन दिया गया था कि हर साल महंगाई के हिसाब से वेतन वृद्धि में रिवीजन होगा. पिछले 2 सालों से हम मुख्यमंत्री से लेकर सभी मंत्रियों के पास पहुंच चुके हैं, अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया है.''


सभी मेडिकल कॉलेज में बांडेड डॉक्टर हड़ताल पर: यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रेसिडेंट डॉक्टर हीरा सिंह लोधी ने कहा "4 सालों से लगातार एसोसिएशन स्टाइयपेंड बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. 4 साल पहले इंक्रीमेंट हुआ था. इंटर्न स्टाइपेंड, पीजी स्टाइपेंड, बोंडेड जेआर और पोस्ट पीजी के स्टायपेंड अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम है, इतनी मांग करने के बावजूद भी हमें मजबूरन धरने पर बैठना पड़ रहा है. प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में बांडेड डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं. हमारी एक सूत्री मांग है कि इसे जल्द पूरा किया जाए."

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"मांग पूरी होने तक धरने बैठे रहेंगे": डॉक्टर हीरा सिंह लोधी ने कहा "हड़ताल से आम इंसान भी प्रभावित होता है. यह भी सोचिए कि एक डॉक्टर भी आम इंसान है. उसका भी परिवार है, उन्हें भी अपने परिवार का गुजर-बसर करना पड़ता है. 5 साल पहले की सैलरी में डॉक्टर काम करें, ऐसा नहीं हो पाएगा. वर्क लोड भी बहुत बढ़ गया है, काम भी बढ़ गया है. कोविड-19 के दौरान डॉक्टरों ने अपनी जान पर खेलकर काम किया. उन सभी लोगों को भी यह लग रहा है कि जो स्टायपेंड 4 साल पहले बढ़ जाना चाहिए था, वह अब तक नहीं बढ़ा है. हमारी मांग पूरी होने तक धरने बैठे रहेंगे."


Last Updated : Jan 19, 2023, 8:02 PM IST

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