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स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र, जानिये वजह

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर यूक्रेन से वापस आए मेडिकल छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी कराने के लिए शीघ्र नीतिगत निर्णय लेने का अनुरोध (Health Minister TS Singhdev wrote a letter to the Union Health Minister) किया है.

Health Minister TS Singhdeo
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने लिखा पत्र

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Published : Aug 9, 2022, 11:51 PM IST

रायपुर:रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के वजह से छत्तीसगढ़ लौटे छात्रों का एडमिशन नहीं हो पा रहा था. जिसको लेकर कुछ दिन पहले बच्चे और उनके अभिभावकों ने स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था. स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र (Health Minister TS Singhdev wrote a letter to the Union Health Minister) लिखा है. पत्र में यूक्रेन से वापस आए मेडिकल छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी कराने के लिए शीघ्र नीतिगत निर्णय लेने का अनुरोध किया है.

पत्र में क्या लिखा: स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने पत्र में लिखा "रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न हुई गंभीर परिस्थितियों के कारण यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय मूल के सभी छात्र-छात्राओं को भारत सरकार द्वारा सकुशल वापस लाया गया है. बड़ी संख्या में देश वापस आए छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों के मेडिकल छात्र-छात्राओं के भविष्य एवं आगे की शिक्षा को लेकर मैंने आप से पहले भी पत्र के माध्यम से तत्काल समुचित पहल का आग्रह किया है."

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छत्तीसगढ़ के 207 विद्यार्थी हैं प्रभावित:सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ यूक्रेन मेडिकल पैरेन्ट्स एंड स्टूडेन्ट एसोशिएशन रायपुर का पत्र भी संलग्न कर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भेजा है. जिसमें यूक्रेन से लौटे 207 छात्र-छात्राओं एवं उनके पालकों ने भविष्य को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है. सिंहदेव ने पत्र में कहा "केंद्र सरकार भी छात्र-छात्राओं के भविष्य को लेकर समुचित कार्ययोजना के अंतिम चरण में होगी‌. इस संवेदनशील विषय पर शीघ्र नीतिगत निर्णय लेने की आवश्यकता है."

पत्र लिखकर किया अनुरोध: स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने पत्र में "मांडविया से अनुरोध किया है कि प्रभावित सभी छात्रों के अध्ययनरत् समयावधि को आधार मानकर देश के मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त सीटें आबंटित किया जाये और उन्हें समायोजित किया जाए. जिससे प्रभावित छात्र-छात्राओं का भविष्य सुरक्षित एवं सुनिश्चित हो सके‌. इससे देश में डॉक्टरों की कमी भी दूर होगी एवं चिकित्सकीय सेवाओं का लाभ जनमानस को प्राप्त हो सकेगा."

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