रायपुर: कोरोना से बचाव के लिए देश में वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरणों में है. माना जा रहा है कि नए साल में कोरोना वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगी. छत्तीसगढ़ में कोरोना टीकाकरण अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने प्लान बना लिया है.
स्वास्थ्य विभाग ने बनाया प्लान स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के पहले चरण के टीकाकरण के लिए करीब 2 लाख स्वास्थ्यकर्मियों की लिस्ट तैयार की गई है. पहले चरण के टीकाकरण में फ्रंटलाइन वॉरियर को प्राथमिकता दी गई है. इसमें पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी के तमाम लोगों के नाम शामिल किया गया है.
नए साल में आ सकती है वैक्सीन
कोरोना से बचाव के लिए इसका उपयोग कैसे होगा, एक व्यक्ति को कब और कितने डोज लगाए जाएंगे, इस पर संशय की स्थिति बनी हुई है. वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए गोल्ड चेन पॉइंट को तैयार किया गया है, लेकिन वैक्सीन कब तक मिलेगी यह स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है. इसके अलावा इन दिनों एक और असमंजस की स्थिति बनी हुई है. केंद्र सरकार ने फ्री वैक्सीन को लेकर अभी तक अपनी स्थिति साफ नहीं की है कि वैक्सीन फ्री दी जाएगी, या कोई निश्चत अमाउंट लिया जाएगा.
फ्रंट लाइन में ये हैं शामिल
फ्रंट लाइन में मेडिकल से जुड़े सभी लोगों को शामिल किया गया है. इसमें बड़े क्लीनिक, डिस्पेंसरी, ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य केंद्र, आयुष हॉस्पिटल, नगर निगम नगर पालिका तमाम निकायों में संचालित होने वाले अस्पताल को शामिल किया गया है. मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इसमें शामिल किया गया है. इसके अलावा पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मियों का भी प्रस्ताव रखा गया है.
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बताई यह वजह
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि, 'हमने अलग-अलग वर्गों से चर्चा की है और उसके बाद अपना प्रस्ताव रखा है. इसमें सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को फिर पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों को प्रमुखता से रखा गया है. क्योंकि यह वह लोग लगातार लोगों के संपर्क में आते हैं. कोई भी स्थिति हो यह लोग लगातार फील्ड पर सक्रिय रहे है. हेल्थ विभाग की ज्वाइंट डायरेक्टर सुभाष पांडेय ने बताया कि जो जानकारी आई है उसके अनुसार जितने भी फ्रंटलाइन वॉरियर है सरकार उन सभी को प्राथमिकता देगी.
वैक्सीन को लेकर एक लंबी गाइडलाइन
कोरोना वैक्सीन के लिए फ्रंटलाइन मेबर के मुताबिक दो लाख वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश में 630 कोल्डचेन पॉइंट है. केंद्र सरकार की तरफ से यहां 80 केंद्र और बनाने की अनुमति दी गई है, लेकिन इसके लिए अब तक किसी तरह के उपकरण प्रदेश को नहीं मिल पाए हैं. स्वास्थ विभाग की सबसे बड़ी दिक्कत मिलने वाली व्यक्तियों की संख्या और इसके उपयोग के तरीकों को लेकर है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाई है कि किसी व्यक्ति को वैक्सीन के कितनी डोज और किस प्रक्रिया के तहत लगाए जाएंगे. जब वैक्सीन प्रदेश तक पहुंचेगी तो उसके साथ ही एक लंबी गाइडलाइन भी प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के लिए दी जाएगी.
वैक्सीन के लिए ड्रीप फीजर का होगा उपयोग
प्रदेश के किसी भी तरह की वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए आईआईआर और डीप फ्रीजर का उपयोग किया जाता है. आईआईआर में दो से 8 डिग्री तक के तापमान में 1 महीने तक वैक्सीन को सुरक्षित रखा जा सकता है. वहीं डीप फ्रीजर में माइनस 15 से 28 डिग्री के तापमान में लंबे समय तक वैक्सीन को सुरक्षित रखा जा सकता है. कोविड-19 का नेचर कैसा होगा यह स्पष्ट नहीं है. राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग वैक्सीन के नेचर को देखते हुए तैयारी करेगा.