हाथरस :ब्रज की देहरी कहे जाने वाले हाथरस में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार आते ही मेटल व्यापारियों का कारोबार जोर-शोर से बढ़ने लगता है. उत्तरप्रदेश के हाथरस जिले में मेटल का कारोबार काफी समय से चल रहा है और इसी वजह से इस जिले को जाना जाता है. जन्माष्टमी का त्योहार आने के पहले ही यहां मेटल से बने लड्डू गोपाल, झूले और अलग-अलग तरह के साजो-सज्जा के सामान और सुंदर मूर्तियां बनाई जाती हैं.
उत्तरप्रदेश के हाथरस में बनाई जाती है श्रीकृष्ण की मेटलिक मूर्तियां और झूले. विदेशों में भी है यहां की मूर्तियों की डिमांड
जन्माष्टमी पर मेटल से बने इन सामानों की डिमांड देशभर में खूब रहती है. देश के अलग-अलग हिस्सों से भारी मात्रा में यहां से माल भेजा जाता है. यहां तक विदेशों में भी अब हाथरस के बने हुए लड्डू गोपाल और झूले भेजे जा रहे हैं, लेकिन जीएसटी लगने की वजह से इस काम में भी मंदी की बयार चल गई है. बीते सालों की अपेक्षा इस काम में काफी कमी आई है.
जन्माष्टमी पर बनाई जाती हैं श्रीकृष्ण की मूर्तियां और झूले सबसे ज्यादा डिमांड मथुरा-वृंदावन में
महीनों पहले से इन्हें बनाने का काम शुरू किया जाता है और जन्माष्टमी के आते ही देश के अलग-अलग जगहों से ऑर्डर आना शुरू हो जाते हैं. सबसे ज्यादा डिमांड लड्डू-गोपाल और झूलों की मथुरा वृंदावन में रहती है. इसके साथ ही हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी काफी मात्रा में यहां से मेटल के बने लड्डू गोपाल और झूले मंगाए जाते हैं.
मथुरा-वृंदावन में होती है सबसे ज्यादा डिमांड पढ़ें- सरगुजा: मक्के की फसलों पर 'अमेरिकी' अटैक, चिंता में डूबा अन्नदाता
जीएसटी की वजह से मेटल व्यापार में आई मंदी
मेटल व्यापारी रवि कुमार वर्मा का कहना है कि, 'हाथरस में पुराने समय से मेटल का कारोबार चलता आ रहा है. पीतल, तांबा और मेटल मिलाकर श्र कृष्ण की प्रतिमा और झूले बनाए जाते हैं और देशभर में भेजे जाते हैं, लेकिन जीएसटी ने मेटल व्यापार की कमर तोड़ कर रख दी है.'