हरिद्वार:छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई धर्म संसद (Raipur Dharma Sansad) में कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) द्वारा दिए गए गांधी जी और इस्लामीकरण के बयान पर हरिद्वार के संतों ने प्रतिक्रिया दी है. संतों ने कहा गांधीजी के बारे में इस तरह की बयानबाजी करना उचित नहीं है. गांधी जी हमारे देश के महात्मा हैं. राष्ट्रपिता हैं. उनके संबंध में इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. संतों का कहना है गांधी जी राष्ट्रपिता हैं, राष्ट्रपिता थे और राष्ट्रपिता रहेंगे. संतों ने कहा अगर आपको राष्ट्रपिता से इतनी परेशानी है तो महात्मा गांधी के चित्र वाली जो मुद्रा प्रकाशित हो रही है पहले उसका बहिष्कार करो. तब मानेंगे कि आप गांधी के विरोधी हैं.
महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी (Mahant Ravindra Puri) महाराज का कहना है कि, गांधी जी के विषय में जो भी शब्दों का प्रयोग किया है वह निंदनीय है. महात्मा गांधी देश के राष्ट्रपिता हैं. देश की आजादी में उनकी अहम भूमिका रही है. इसी हरिद्वार की पवित्र भूमि में ब्रह्मलीन श्रद्धानंद जी महाराज जिन्होंने गुरुकुल की स्थापना की थी. महर्षि दयानंद जी के शिष्य थे. उन्होंने ही उनको महात्मा की उपाधि दी थी.
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