छत्तीसगढ़

chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाया गया हरेली तिहार, अन्नदाता लगा रहे देवता से गुहार, ये हैं रिवाज

By

Published : Jul 31, 2019, 11:51 PM IST

Updated : Aug 1, 2019, 10:23 PM IST

सावन के महीने में जब हर तरफ हरा भरा नजारा होता है किसान भी खेतों में बुआई के बाद खेतों की पहली झलक पाकर खुशी और उमंग की अनुभूति करता है उस उल्लास को ही छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हरेली पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन किसान अपने औजारों की पूजा करता है. खासकर हल की पूजा और बैलों की पूजा की जाती है.

हरेली तिहार

रायपुर: छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. हरेली, यानी छत्तीसगढ़ का पहला त्योहार. सावन अमावस्या को मनाई जाने वाली हरेली को छत्तीसगढ़ में पहला त्योहार भी कहा जाता है. किसान इस पर्व को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं. जैसा कि नाम से ही साफ है ये त्योहार हरियाली यानी पर्यावरण के प्रति किसानों के झुकाव को दर्शाता है.

हरेली त्योहार की गाड़ा-गाड़ा बधाई

सावन के महीने में जब हर तरफ हरा भरा नजारा होता है किसान भी खेतों में बुआई के बाद खेतों की पहली झलक पाकर खुशी और उमंग की अनुभूति करता है उस उल्लास को ही छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हरेली पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन किसान अपने औजारों की पूजा करता है. खासकर हल की पूजा और बैलों की पूजा की जाती है.

पढ़ें- हरेली तिहार का ये VIDEO देखकर आप भी झूम उठेंगे

नीम की डालें लगाई जाती हैं
ग्रामीण इलाकों में हरेली के दिन ग्रामीण घर के बाहर नीम के पत्ते लगाते हैं और घर की चौखट पर कील ठोकी जाती है. माना जाता है ऐसा करने से उनका घर और परिवार बुरी नजर से बचा रहेगा. ग्रामीणों की इस पुरानी मान्यता के पीछे वैज्ञानिक तथ्य भी छुपा है.

जैसा कि हम जानते हैं नीम के पत्तों में कई तरह के रोगाणु और बैक्टीरिया को खत्म करने की क्षमता है, बारिश के मौसम में कई तरह की मौसमी बीमारी इंसानों और मवेशियों को घेर लेती हैं इसी से नीम के पत्ते रोकथाम करते हैं. इस तरह से छत्तीसगढ़ की ये पुरानी परंपरा भी लोक स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है.

पढ़ें- SPECIAL: छत्तीसगढ़ का मैन मेड जंगल सफारी, यहीं हुई थी PM मोदी की टाइगर से 'यारी'

गेड़ी और नारियल फेंक का आकर्षण –
हरेली के मौके पर गेड़ी पर चढ़ना एक परंपरागत खेल है. बांस पर खास तरह से गेड़ी बनाकर युवा इस पर हरेली के दिन चढ़कर इठलाते नजर आते हैं. कुछ जगहों पर गेड़ी नृत्य का भी आयोजन किया जाता है, हालांकि वक्त की रफ्तार में ये कला अब कम नजर आती है. कई किसान हरेली के मौके पर ही अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा करते हैं. और ग्राम देव से भी खुशहाली और अच्छी फसल की कामना की जाती है.
हरेली के बाद छत्तीसगढ़ में हर 15 दिन में एक त्योहार मनाया जाता है. जैसे- इसके पांचवें दिन नाग पंचमी, फिर खमर छठ, रक्षाबंधन, पोला, तीज, गणेश चतुर्थी जैसे कई त्योहार मनाए जाते हैं.

Last Updated : Aug 1, 2019, 10:23 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details