रायपुर:वास्तु शास्त्र में ऊर्जा का बहुत महत्व है. यह ऊर्जा वातावरण में व्याप्त होकर हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं. नए वर्ष का प्रारंभ शनिवार के दिन से हुआ है. ज्योतिष पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि नए साल की शुरुआत शनिवार से हुई है. जिससे लोहे से संबंधित काम, मिल, मशीनरी, इलेक्ट्रिकल, कोयले का कार्य करने वाले व्यक्तियों के लिए या लाभदायक सिद्ध हो सकता है. मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया आदि से संबंधित लोगों को भी नई ऊर्जा और ताजगी मिलेगी. मेडिकल चिकित्सा जगत के लोगों के लिए भी यह साल अनुकूल सिद्ध होगा. बिल्डर, भूमि का क्रय विक्रय करने वाले जातकों को भी इसका उचित लाभ मिलेगा.
नए साल में वास्तु शास्त्र की दृष्टि से दिशाओं का प्रभाव वास्तु शास्त्र की दृष्टि से दिशाओं पर कैसा रहेगा प्रभाव, आइए जानें
ज्योतिष पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि पश्चिम दिशा वालों के लिए नया साल 2022 (Vastu Tips for west face) अनुकूलता देने वाला रहेगा. ऐसे जातक जिनके घर, फैक्ट्री, दुकान, ऑफिस या कार्यालय पश्चिम मुखी है. ऐसे लोगों को यह वर्ष सामान्य तौर पर अच्छा सिद्ध होने वाला है. गिलोय, श्याम तुलसी आदि की पूजन करना शुभ रहेगा. तुलसी देवी में सरसों या तिल के तेल का दीपक लगाया जाना शुभ रहेगा. लौह अयस्क, मशीनरी मिल, कोयला और पत्रकारिता मीडिया आदि का कार्य करने वाले जातक इस वर्ष मजबूती के साथ कार्य कर पाएंगे. व्यस्तता बढ़ी रहेगी. पश्चिम दिशा में रहने वाले जातकों को इस दिशा को समुचित रूप से विकसित करने पर और योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने पर अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे. नया वर्ष आप की सक्रियता और गतिशीलता के साथ आपको सफलता दिलाएगा.
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सूर्य उपासना से मिलेगा लाभ
पूर्वाभिमुखी स्थल (Vastu Tips for east face)में जिन जातकों की फैक्ट्री, निवास, कार्यालय और ऑफिस या बैठक हो, ऐसे जातकों को सूर्य की उपासना सूर्य को जलदान, दीपदान आदि कर नव वर्ष का स्वागत करना चाहिए. ऐसे जातक जो पूर्व की ओर मुख करके अपने ऑफिस में बैठते हैं. उन्हें सूर्य उपासना, सूर्य सहस्त्रनाम, आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ कर नवीन वर्ष की शुरुआत करनी चाहिए. कुष्ठ रोगियों, दिव्यांगों और जरूरतमंदों को धन वस्त्र और जरूरत का सामान देकर प्रारंभ करना चाहिए. ऐसे जातकों को आंवला, गिलोय और तुलसी के पौधों के माध्यम से पूर्व दिशा को विकसित करना चाहिए. अपने कार्यस्थल पर सिद्ध किया हुआ सूर्य यंत्र या आदित्य यंत्र भी स्थापित कर सकते हैं. नववर्ष के दिन गायत्री मंत्र का लेखन और पाठ कर शुभारंभ करना उचित रहेगा.
दिव्यांग और जरूरतमंदों को दान दें
ऐसे जातक जिनका घर, फैक्ट्री, आवास, कार्यालय उत्तराभिमुखी है. ऐसे जातकों को भी यह वर्ष मध्यम से उत्तम परिणाम प्रदान करने वाला रहेगा. उत्तर दिशा की ओर गेंदा, परिजात, श्वेत पुष्प आदि के पौधों को विकसित करना चाहिए. दिव्यांग और जरूरतमंदों को दान देकर वर्ष की नई शुरुआत करनी चाहिए. वास्तु संबंधित यदि कोई न्यूनता या कोई त्रुटि है तो वास्तु दोष की पूजन कराना चाहिए. उत्तर की दिशा कुबेर की मानी जाती है. व्यापार में गल्ला उत्तर की ओर खुलना चाहिए. जिससे अनुकूल परिणाम प्राप्त होते हैं. उत्तर दिशा में लक्ष्मी का भी वास होता है. भगवान भोलेनाथ का निवास भी उत्तर और उत्तर पूर्व यानी की ईशान में माना गया है. ऐसे जातकों को भगवान शिव की पूजा अर्चना और पाठ कर नववर्ष का प्रारंभ करना चाहिए. अपने कर्मचारियों और अधीनस्थों को उचित सम्मान देकर पुरस्कार देकर नववर्ष का प्रारंभ करना चाहिए. उत्तर दिशा में भी ऊर्जा का स्तर अच्छा रहेगा. छोटे-मोटे वास्तु दोषों को प्राकृतिक ढंग से और प्रकृतिबद्ध उपायों से दूर करने का प्रयास करना चाहिए.
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दक्षिण दिशा के स्वामी मंगल ग्रह और हनुमान जी माने जाते हैं. ऐसे जातक जो दक्षिणाभिमुखी निवास फैक्ट्री कार्यालय के स्वामी हैं. उन्हें अपने क्षेत्र में दीपक जलाकर नववर्ष का शुभारंभ करना चाहिए. दक्षिण दिशा में यम का वास होता है. अतः सुंदर और पवित्र दीए जलाकर नवीन वर्ष का स्वागत श्रद्धा के साथ करना चाहिए. इस शुभ दिन हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड और हनुमाष्टक का पाठ करना शुभ रहता है. इन ग्रंथों को सुदी जनों में वितरण कराना भी शुभ माना गया है. दिव्यांग जनों की सेवा करना, भंडारा कराना और गरीबों को वस्त्र कंबल वितरित करना भी शुभ रहता है.