छत्तीसगढ़

chhattisgarh

Guru Purnima 2022: क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का पर्व, क्या है इसका महत्व ?

By

Published : Jul 12, 2022, 8:03 PM IST

गुरु पूर्णिमा का हिंदू धर्म में खास महत्व (Guru Purnima 2022) है. इस तिथि को गुरु और शिक्षकों का सम्मान किया जाता (Importance of Guru Purnima) है. साल 2022 का गुरु पूर्णिमा बुधवार को है. आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है. हर इंसान को गुरु ही जीवन में सही राह पर चलने की शिक्षा देते हैं. यही वजह है कि हिंदू धर्म में गुरु का स्थान भगवान (Why Guru Purnima festival celebrated) से भी ऊपर है.

Guru Purnima 2022
गुरु पूर्णिमा का पर्व

रायपुर: आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता (Guru Purnima 2022) है. यह पर्व सनातन काल से मनाया जा रहा है. इस पर्व में सभी गुरुजनों आत्मीयजनों और शिक्षा देने वाले सभी आचार्यों के प्रति कृतज्ञता का भाव व्यक्त किया जाता (Importance of Guru Purnima) है. इस शुभ दिन पर लोग समस्त गुरुजनों के प्रति आभार कृतज्ञता और धन्यवाद का भाव व्यक्त करते हैं. महर्षि वेदव्यास के जन्म उत्सव को गुरु उत्सव अर्थात गुरु पूर्णिमा के रुप में मनाते हैं. आज के शुभ दिन गुरु की पूजा अर्चना मान सम्मान और उपहार देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. क्योंकि बिना बिना गुरु के जीवन में ज्ञान प्राप्त नहीं होता. अतः गुरुजन अति विशिष्ट स्थान रखते हैं. इस दिन गुरुजनों को श्रीफल, शॉल, पादुका पूजन आदि माध्यमों से पूजा जाता ((Why Guru Purnima festival celebrated) है.

क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का पर्व ?
भगवान से भी पहले गुरु की होती है पूजा:ज्योतिष पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "पौराणिक मंत्र बताते हैं कि गुरु और गोविंद दोनों साथ में यदि खड़े हो तो पहले गुरु को मान सम्मान और प्रतिष्ठा देनी चाहिए. मंत्र यह भी बताते हैं कि गुरु ही ब्रह्मा गुरु ही विष्णु है और गुरु ही महेश्वर है. साथ ही गुरु ही साक्षात परम ब्रम्ह है. अतः सनातन परंपरा में गुरुजनों का एक अति विशिष्ट स्थान है. आज के दिन ऐसे गुरुजन जो अत्यंत ही गरीबी की हालत में जीवन जी रहे हो ऐसे गुरुजनों का निश्चित तौर पर मान सम्मान और धनराशि देकर उन्हें बल देना चाहिए. तभी इस पर्व की महत्ता सिद्ध हो सकेगी. कालसर्प योग में शांति के लिए गुरुजनों की पूजा अर्चना करना काफी शुभ माना गया है.

ये भी पढ़ें: guru purnima 2022: आखिर क्यों खास होता है गुरु पूर्णिमा पर्व

गुरु पूर्णिमा के दिन चातुर्मास 2022 का होगा प्रारंभ: जो व्यक्ति कालसर्प योग से ग्रसित हैं. ऐसे जातकों को अपने गुरुजनों का विशेष सम्मान करना चाहिए. उन्हें यथासंभव मदद दान और अन्य भोग आदि का दान देकर गुरु ऋण से मुक्त होने का प्रयास करना चाहिए. गुरु पूर्णिमा के दिन श्री ग्रहीय योग बन रहे हैं. इस दिन मिथुन राशि में सूर्य शुक्र और बुध ग्रह एक साथ उपस्थित रहेंगे. इन तीनों ग्रहों की उपस्थिति से भद्र योग, बुधादित्य योग जैसे शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. इस गुरु पूर्णिमा में चार-चार महत्वपूर्ण ग्रह स्वक्षेत्रीय हैं. अतः इस पूर्णिमा का विशेष महत्व है आज ही के दिन से सन्यासियों का चातुर्मास प्रारंभ हो जाता है. साथ ही कोकिला व्रत आरंभ भी आज ही हो रहा है. मंगल के प्रभाव से रूचक योग, बुध के प्रभाव से भद्र योग, गुरु के प्रभाव से हंस योग और शनि के प्रभाव से शुभ शश योग का निर्माण हो रहा है.




माता-पिता को प्रथम गुरु मानकर करें सम्मान:यह पूर्णिमा अपने आप में ऐतिहासिक है. आज के शुभ दिन व्यास पूजन और जीवन के आध्यात्मिक व्यवहारिक प्रशासकीय और शैक्षणिक गुरुओं का सम्मान किया जाना चाहिए. माता और पिता प्रथम गुरु माने गए हैं. अतः आज के दिन माता पिता की भी पूजा-अर्चना करनी चाहिए. आज के शुभ दिन माता पिता के प्रति प्रेम आभार श्रद्धा व्यक्त करने का दिन है. आज के दिन माता पिता की बात को सम्मान देने और उनका कहना मानने से भी हमारे बहुत सारे कार्य पूरे होते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details