रायपुर: होली का त्यौहार रंगों का त्योहार है. बीते सालों में होली के रंगों में केमिकल के इस्तेमाल ने रंगों के इस त्यौहार की चमक फीकी कर दी है. यह केमिकल वाले रंग लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहे हैं. लोगों में बीमारियों का कारण भी बन रहे हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ में पहली बार गोबर और फूलों से रंग-बिरंगे गुलाल बनाए जा रहे (Gulal from flower in Chhattisgarh ) हैं.
गोबर और फूल से तैयार हो रहा गुलाल एक पहल सेवा समिति के रितेश अग्रवाल बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में बहुत से लोग वेस्टेज फूल से खाद, अगरबत्ती बनाते हैं. अब पहली बार वेस्टेज फूल में गोबर मिलाकर गुलाल बनाया जा रहा है. हमने गोबर पाउडर, कस्टर्ड पाउडर और वेस्टेज फूल को मिलाकर गुलाल बनाना शुरू किया है. गुलाल में गोबर पाउडर का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह पाउडर गोठान में ही बनाया जा रहा है.
निगम दे रहा फूल, सस्ते में गुलाल कर रहे तैयार
एक पहल महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष नीलम अग्रवाल बताती हैं कि वेस्टेज फूल रायपुर नगर निगम मंदिरों और शादी समारोह से इकट्ठा कर उन्हें देते हैं. फूलों को सुखाने के बाद उसे पिसते हैं. फिर गोबर पाउडर में मिला दिया जाता है. फूल को धूप में सुखाने में समय लगता है. गोठान में यह गुलाल काफी सस्ते में तैयार किया जा रहा है. इस गुलाल को मार्केट में लॉन्च करने से महिलाओं को फायदा मिलेगा. रोजगार का साधन भी मिलेगा.
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गुलाल बनाने की विधि
- फूल को सुखाते हैं, फिर उसे पीसा जाता है.
- गोबर को सुखाकर पीसते हैं, फिर उसे पाउडर के रूप में तैयार करते हैं.
- गोबर पाउडर और बारीक किए गए फूल को मिक्स किया जाता है.
- इस मिश्रण में फूड कलर, थोड़ा पानी में मिलाकर मिक्स किया जाता है.
- फिर कस्टर्ड पाउडर को उसमें मिलाया जाता है.
- इसके बाद उसे धूप में सुखाया जाता है.
- धूप में सूखने के बाद उसे बारीक पीसते हैं.
- दो से तीन बार छन्नी से छानते हैं. फिर यह गुलाल तैयार होता है