रायपुर:शुक्रवार को फिर एक बार अतिथि शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. शिक्षक कल्याण संघ ने बताया कि मार्च महीने में राज्य का बजट पेश होने वाला है. ऐसे में उन्हें इस बजट से नियमितीकरण की उम्मीद है. इस बजट में अगर नियमितीकरण नहीं होता है, तो आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन की भी चेतावनी दी गई है.
"7 सालों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं":प्रदर्शन कर रहे विद्या मितान लोकेश्वरी वर्मा ने बताया कि "नियमितीकरण की मांग को लेकर पिछले 7 सालों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. आने वाले दिनों में स्कूली बच्चों की परीक्षाएं भी होने वाली है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई भी कहीं ना कहीं प्रभावित होगी. इस बात को अतिथि शिक्षकों ने भी स्वीकार किया और कहा कि प्रदर्शन करना हमारी मजबूरी है. इसलिए हम सड़क पर उतरकर अपनी नियमितीकरण की मांग प्रदेश सरकार से कर रहे हैं. प्रदेश सरकार ने चुनाव के पूर्व 10 दिनों में नियमित करने का वादा किया था, लेकिन सरकार बने 4 साल बीत गए हैं, बावजूद इसके शिक्षकों का नियमितीकरण अब तक नहीं हो पाया है.
"कांग्रेस ने 10 दिनों के अंदर नियमितीकरण का वादा किया था":विद्या मितान राज्य अतिथि शिक्षक कल्याण संघ के प्रमुख धर्मेंद्र दास वैष्णव ने बताया कि "सरकार बनने के पहले कांग्रेस ने 10 दिनों के अंदर नियमित करने का वादा किया था. लेकिन सरकार बने 4 साल बीत गए हैं, बावजूद इसके अतिथि शिक्षकों को नियमितीकरण का तोहफा अब तक नहीं मिल पाया है. पूरे प्रदेश में वर्तमान में 1735 अतिथि शिक्षक कार्यरत है. साल 2018 में प्रदेशभर के लगभग 245 अतिथि शिक्षकों को नौकरी से वंचित कर दिया गया है, उन्हें बहाल किया जाए. जिसको लेकर अतिथि शिक्षकों में नाराजगी भी देखने को मिली. राज्य के बीहड़ और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के साथ ही अंदरूनी इलाकों में पिछले 7 सालों से अतिथि शिक्षक हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल में अध्यापन का कार्य करा रहे हैं."