रायपुर:प्रदेश में नक्सल हिंसा में तेजी आने पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने चिंता जाहिर की है. राजभवन के सूत्रों के अनुसार राज्यपाल ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को पत्र लिखकर चिंता जताई है, इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में होने वाली नक्सली घटनाओं को लेकर एक समीक्षा बैठक भी बुलाई है. इस बैठक में गृह विभाग के उच्चाधिकारी भी शामिल होंगे. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह सहित कुछ अन्य लोगों ने राज्यपाल को पत्र लिखकर बढ़ती नक्सल घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी.
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राज्यपाल ने पिछले दिनों गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को पत्र जारी किया है. इस पत्र में कहा गया है कि नक्सल घटनाओं को लेकर इसी माह समीक्षा बैठक आयोजित की जानी है. फिलहाल इस बैठक की अभी तारीख तय नहीं हुई है.माना जा रहा है कि गृहमंत्री के पत्र के जवाब के साथ बैठक की तारीख सामने आएगी.
कई बिंदुओं पर होगी समीक्षा
गृहमंत्री को लिखे पत्र में राज्यपाल ने राज्य में हो रही नक्सल घटनाओं के संबंध में कुछ बिंदुओं के आधार पर चर्चा और समीक्षा की बात कही है. इसमें यह बात शामिल है कि प्रदेश में नक्सली घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं, इन घटनाओं की रोकथाम के लिए क्या किया जा सकता है, बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं, इन घटनाओं को रोकने के लिए कौन से कदम उठाए जा सकते हैं.
138 लोगों की गई जान
साल 2019 से लेकर 2020 तक प्रदेश में कांग्रेस सरकार के शासन काल में दौरान 138 लोगों की जान गई है. 2019-20 में अब तक नक्सलियों के हाथों 53 सुरक्षाकर्मियों की जान गई है. इसी तरह नक्सलियों ने इसी अवधि में अब तक 85 ग्रामीणों की हत्याएं की हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार ज्यादातर घटनाएं अलग-अलग हुई हैं, लेकिन बड़ी संख्या में ग्रामीणों की नक्सल हत्याओं से पूरे बस्तर में दहशत का वातावरण बनता जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री रमन ने भी लिखा था राज्यपाल को पत्र
तीन दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में बढ़ रही नक्सल घटनाओं को लेकर राज्यपाल अनुसुइया उइके को पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने कहा था कि प्रदेश में बीते कुछ महीनों में नक्सलवादी बस्तर संभाग में दहशत और आतंक का माहौल बनाने में सफल हुए हैं. पिछले कुछ महीनों में बस्तर संभाग में नक्सलियों ने 76 लोगों की हत्याएं की हैं इनमें ग्रामीण तथा पुलिसकर्मी शामिल हैं. रमन सिंह ने पत्र में लिखा था कि पूर्व में बीजेपी सरकार ने नक्सलियों की कमर तोड़ने का प्रयास कर बस्तर को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए विकास किया था,वह अब रुक गया है. बता दें कि रमन सिंह के अलावा कई अन्य लोगों ने भी पत्र लिखकर नक्सल घटनाओं पर चिंता जताते हुए राज्यपाल से कार्रवाई का आग्रह किया था.