रायपुर:छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में सोमवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर जालसाजी का आरोप लगाया है. बृजमोहन अग्रवाल के मुताबिक देश के संसदीय इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि किसी राज्यपाल के विधानसभा का भाषण और सदस्यों को बांटी गई काॅपी अलग अलग हों. राज्यपाल प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख हैं, विधानसभा के प्रमुख हैं. उनके हस्ताक्षर के बिना कोई नियम कानून लागू नहीं होता."
अगर सदन के बाहर होता तो फ्राॅड का केस बनता: भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि "अगर यह सदन के बाहर होता तो फ्रॉड होता. 420 का अपराध दर्ज होता. राज्यपाल ने जिस भाषण की अनुमति दी ही नहीं, उसे सदन में बांट दिया गया. यह भी चार सौ बीसी ही है. हमने सदन से कॉपी निकाली है. राज्यपाल का अभिभाषण अंग्रेजी में अलग लिखा है और हिंदी में अलग है."
Governor Speech Controversy: अंग्रेजी और हिंदी में अलग-अलग छपे राज्यपाल के अभिभाषण पर भाजपा ने जताई आपत्ति - भाजपा नेता और विधायक बृजमोहन अग्रवाल
भाजपा की ओर से सोमवार को कांग्रेस सरकार पर राज्यपाल के साथ फ्राॅड करने का आरोप लगाया गया. ये सारा विवाद राज्यपाल के अंग्रेजी और हिंदी में छपे अलग-अलग अभिभाषण को लेकर शुरू हुआ. भाजपा नेता और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि "राज्यपाल के साथ फ्रॉड करने वाली सरकार को 1 मिनट भी पद पर बने रहने का नहीं अधिकार है." Raipur Latest News
कानूनी सलाह लेकर जाएंगे कोर्ट:बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि "ऐसी सरकार जो राज्यपाल के साथ फ्राड कर सकती है, उसे 1 मिनट पद पर नहीं रहना चाहिए. इस मामले को लेकर हमने विशेषाधिकार भंग और अवमानना की सूचना दी है. आवश्यकता होगी तो कानूनी सलाह लेकर जो जालसाजी की गई है राज्यपाल के अभिभाषण मुद्दे पर, हम न्यायालय जाएंगे और सरकार पर कानूनी कार्रवाई का आग्रह करेंगे." दरअसल, सत्र की शुरुआत के दौरान राज्यपाल का अभिभाषण हुआ था. इस अभिभाषण की हिंदी और अंग्रेजी की प्रति विधायकों को वितरित की गई थी. इसमें हिंदी और अंग्रेजी के अभिभाषण में कुछ अंतर था. इसी मामले को लेकर विपक्ष ने आपत्ति जताई है.