रायपुर : तोरवा के सिंधु भवन में गोंड़ आदिवासी समाज के नवाखाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उईके शामिल हुईं. कार्यक्रम में पारंपरिक लोकनृत्य से अतिथियों का स्वागत किया गया. वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने की.
गोंड़वाना समाज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि 'आदिवासी समाज की प्रकृति में सरलता, स्वाभिमान और भोलापन है. इसी प्रकृति के कारण उन्हें शोषण का शिकार बनाया जाता है और वे अपने अधिकारों से वंचित रहते हैं. राज्यपाल ने कहा कि 'आदिवासियों के दर्द और तकलीफ को देखकर ही उन्होंने नौकरी छोड़ी और राजनीति में आकर उनकी सेवा के लिए तत्पर हैं, जो विश्वास और उम्मीद उनसे की गई हैं वे उन्हें पूरा करने की कोशिश करेंगी'.
आदिवासियों के हित के लिए कानून का पालन हो
राज्यपाल ने आगे कहा कि 'संवैधानिक पद पर होने के नाते जनता की परेशानी को दूर करने के लिए उन्होंने शासन को दिशा-निर्देश दिए हैं कि ऐसी नीति बनाई जाए, जिससे हर व्यक्ति सुख-शांति से रह सके. आदिवासियों के हित के लिए कानून का पालन हो. संविधान में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, उसके अनुसार ही उन्हें न्याय मिले. सरकार ने भी इस दिशा में गंभीरता से कदम बढ़ाए हैं'.
योजनाओं के बारे में लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जाए
साथ ही उन्होंने कहा कि 'आदिवासियों को जो अधिकार मिले हैं, उसे प्राप्त करने के लिए उन्हें आगे आना होगा. आपस में एकजुट होकर ही वे अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं. उईके ने समाज के लोगों से कहा कि 'केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जाए. रोजगार के लिए युवा भटक रहे हैं, उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास करना चाहिए'.