Chhattisgarh rajyotsava 2022 : छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के दिन शासकीय अवकाश घोषित
Chhattisgarh Foundation Day छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा राज्य स्थापना के मौके पर 1 नवंबर को शासकीय अवकाश की घोषणा की है. इस दिन शासकीय कार्यालयों के साथ सभी संस्थाओं में अवकाश रहेगा. बता दें कि छत्तीसगढ़ में राज्य स्थापना दिवस के मौके पर हर साल राज्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस बार राज्योत्सव के साथ अंतरराष्ट्रीय आदिवासी नृत्य का आयोजन किया जा रहा है.Government holiday declared
रायपुर : राज्य स्थापना दिवस (Chhattisgarh Foundation Day ) के मौके पर तीसरी बार आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन में भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय कलाकारों की टीमों के साथ-साथ 09 देशों के जनजातीय कलाकारों की टीमें भी शामिल हो रही हैं. इस वर्ष यह आयोजन 01 नवंबर से शुरू हो रहा है. यह छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की तारीख भी है. रायपुर में राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव का आयोजन तीन दिनों तक किया जाएगा. इस आयोजन में 1500 जनजातीय कलाकार शामिल होंगे. इनमें से 1400 कलाकार भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हैं, और 100 कलाकार विदेशों के होंगे.
अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का यह तीसरा आयोजन है. पिछले वर्ष इस आयोजन में 12 देशों ने रुचि ली थी, जिनमें से 07 ने इसमें हिस्सा लिया था.इस साल 26 देशों ने रुचि प्रदर्शित की है. इनमें से 09 देश इस महोत्सव में शामिल होने जा रहे हैं. इस आयोजन में मोजांबिक, मंगोलिया, टोंगो, रशिया, इंडोनेशिया, मालदीव, सर्बिया, न्यूजीलैंड और इजिप्ट के जनजातीय कलाकार हिस्सा लेंगे.Chhattisgarh rajyotsava 2022
इंटरनेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल में दो कैटेगिरी में प्रतियोगिताएं होंगी. विजेताओं को कुल 20 लाख रुपए के पुरस्कारों का वितरण किया जाएगा. प्रथम स्थान के लिए 05 लाख रुपए, द्वितीय स्थान के लिए 03 लाख रुपए और तृतीय स्थान के लिए 02 लाख रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे. 01 नवंबर को सुबह नृत्य महोत्सव का शुभारंभ होगा और शाम को राज्योत्सव के अवसर पर राज्य अलंकरण दिया जाएगा.
03 नवंबर को नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल का समापन होगा. इस महोत्सव के माध्यम से न केवल राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जनजातीय कलाकारों के बीच उनकी कलाओं की साझेदारी होगी, बल्कि वे एक-दूसरे के खान-पान, रीति-रिवाज, शिल्प-शैली को भी देख-समझ सकेंगे. महोत्सव के दौरान संगोष्ठियां भी होंगी, जिनमें जनजातीय विकास के बारे में विमर्श होगा.जाने-माने विशेषज्ञ भी इसमें शामिल होंगे.