रायपुर:छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में स्पंज आयरन और स्टील सेक्टर के उद्योगों के लिए विशेष पैकेज घोषित किया है. छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति के तहत अब इस्पात क्षेत्र के मेगा अल्ट्रा प्रोजेक्ट में निवेश के लिए प्रोत्साहन पैकेज देने का निर्णय लिया गया है. छत्तीसगढ़ सरकार के लिए गए दूरदर्शितापूर्ण निर्णयों से कोरोना संकट काल में भी छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास को गति मिली है. इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने मेगा अल्ट्रा प्रोजेक्ट में निवेश के लिए प्रोत्साहन पैकेज देने का निर्णय लिया है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने मेगा निवेशकों के लिए घोषित किए गए पैकेज में अधितम 500 करोड़ रूपए तक का निवेश प्रोत्साहन (बस्तर संभाग के लिए 1000 करोड़ तक) मान्य होगा. इसके लिए प्रस्तावित इकाईयों को 31 अक्टूबर 2024 को और उसके पहले व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ करना जरूरी होगा. इसी तरह 100 करोड़ रूपए का स्थाई पूंजी निवेश मद में निवेश कर व्यावसायिक उत्पादन आरंभ करने वाली नवीन इकाईयों को आर्थिक निवेश प्रोत्साहन दिया जाएगा.
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छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के बीच 27 लाख टन स्टील उत्पादन
राज्य सरकार ने कोर सेक्टर के उद्योगों को पूरे राज्य में विद्युत शुल्क छूट की पात्रता भी प्रदान की है. कोर सेक्टर के उद्योगों को देशभर के मार्केट का लाभ मिलेगा. स्पंज आयरन एवं स्टील सेक्टर के उद्योगों के लिए बी-स्पोक पालिसी के तहत विशेष पैकेज घोषित किया गया है. साथ ही क्षेत्रवार छूट की सीमा 60 प्रतिशत से 150 प्रतिशत तक कर दी गई है. वहीं प्रदेश में लाॅकडाउन की अवधि में तकरीबन 27 लाख टन स्टील उत्पादन किया गया, जो भारत के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक उत्पादन है.
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छत्तीसगढ़ सरकार ने उद्योगों को बिजली दर में दी रियायत
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने उद्योगों को बिजली दर में रियायत, अनुदान सहायता, विभिन्न स्वीकृतियां प्रदान करने की सरल और सुविधाजनक व्यवस्था बनाने का निर्णय लिया है. साथ ही स्थानीय उद्योगों के उत्पादों को प्राथमिकता देने के लिए अनेक संवेदनशील फैसलों ने उद्योग जगत के लिए संजीवनी का काम किया है. कोरोना के दौर में जब देशभर में औद्योगिक गतिविधियां थमी हुई थी, तब छत्तीसगढ़ के कोर सेक्टर के उद्योगों में उत्पादन जारी रहा. चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल महीने के आखरी सप्ताह में कोर सेक्टर के अलावा अन्य उद्योगों में भी उत्पादन की गतिविधियां प्रारंभ हो चुकी थी.