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गूगल ने डूडल के साथ संगीत उस्ताद भूपेन हजारिका को दी श्रद्धांजलि

डॉ. भूपेन हजारिका का 96वां जन्मदिन है. Google ने हजारिका की जयंती के मौके पर एक खास डूडल के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी है. जिसमें हारमोनियम बजाते देखें जा सकते हैं.Birth Anniversary Bhupen Hazarika

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Published : Sep 8, 2022, 10:44 AM IST

Google Pays Tribute To Indian Musician and filmmaker Bhupen Hazarika
संगीत उस्ताद भूपेन हजारिका को दी श्रद्धांजलि

रायपुर: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के फेमस गायक और फिल्मकार भूपेन हजारिका के जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को असम के सादिया में हुआ था. आज के गूगल डूडल में डॉ भूपेन हजारिका हारमोनियम बजाते देखें जा रहे हैं. डूडल को मुंबई की गेस्ट आर्टिस्ट रुतुजा माली ने बनाया है.Birth Anniversary Bhupen Hazarika

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हजारिका की संगीत ने सबका खींचा ध्यान: हजारिका की संगीत प्रतिभा ने प्रसिद्ध असमिया गीतकार ज्योतिप्रसाद अग्रवाल और फिल्म निर्माता बिष्णु प्रसाद राभा का ध्यान आकर्षित किया. दोनों असम के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास के प्रमुख थे. उन्होंने हजारिका को अपना पहला गाना रिकॉर्ड करने में मदद की, तब उनकी उम्र केवल 10 साल की थी. तभी से भूपेन हजारिका ने अपने संगीत कैरियर की शुरुआत की थी. भूपेन हजारिका के गीतों ने लाखों दिलों को छुआ है. हजारिका की असरदार आवाज में जिस किसी ने उनके गीत "दिल हूम हूम करे" और "ओ गंगा तू बहती है क्यों" सुना वह इससे इंकार नहीं कर सकता कि उसके दिल पर भूपेन दा का जादू नहीं चला.

जनसंचार में की पीएचडी: हजारिका न केवल एक बाल संगीत विलक्षण थे, बल्कि वे एक बुद्धिजीवी भी थे. उन्होंने 1946 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. 1952 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से जनसंचार में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की.

कई पुरस्कारों से हो चुके है सम्मानित:अमेरिका में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, वह उन गीतों और फिल्मों पर काम करना जारी रखने के लिए भारत लौट आए, जिन्होंने राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर असमिया संस्कृति को लोकप्रिय बनाया. छह दशक के करियर के दौरान, हजारिका ने संगीत और संस्कृति में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पद्म श्री और पद्म भूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते. उन्हें मरणोपरांत 2019 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

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