रायपुर: हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिला कर आगे बढ़ रही है. लेकिन भारतीय समाज का एक संस्कार ऐसा है जिसमें शामिल होने की महिलाओं को अनुमति नहीं है. किसी की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार में महिलाओं या लड़कियों को शामिल होने की इजाजत नहीं मिलती, लेकिन रायपुर की ये बेटियां इस मिथक को तोड़ रही हैं.
21 महिलाएं समुह में शामिल
रायपुर की रहने वाली डॉ निम्मी चौबे ने परिवार और आस-पास की महिलाओं के साथ मिल कर एक समूह बनाया है जो लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करती हैं. इस समूह में करीब 21 महिलाएं हैं. निम्मी ने अपनी बहनों और भाभी के साथ मिलकर इस समूह की शुरुआत की. इसके बाद इसमें अन्य महिलाएं भी जुड़ीं.