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राजधानी में बालिका सुरक्षा योजनाओं की ये है स्थिति

छत्तीसगढ़ में गर्ल चाइल्ड के भविष्य को संवारने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है. इनमें नोनी कल्याण योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, सबला योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, सखी सेंटर हैं.

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छत्तीसगढ़ में बालिका सुरक्षा योजनाएं

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Published : Jan 3, 2021, 11:24 AM IST

रायपुर: प्रदेश में बालिका कल्याण के लिए कई तरीके की योजनाएं चलाई जा रही हैं. बच्चियों के जन्म से लेकर उनकी शादी तक के लिए केंद्र और राज्य सरकार योजनाएं चला रही हैं. प्रदेश की प्रमुख योजनाओं में नोनी सुरक्षा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, सबला योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना प्रमुख है, जो बालिका कल्याण के लिए संचालित की जा रही है.

राजधानी में बालिका सुरक्षा योजनाओं की ये है स्थिति

नोनी कल्याण योजना

नोनी सुरक्षा योजना के जरिए सरकार प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या को खत्म करना चाहती है. नोनी सुरक्षा योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवार में 1 अप्रैल 2014 के बाद पैदा हुई लड़कियों को 18 साल का होने तक ₹100000 देती है. छत्तीसगढ़ सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से यह योजना चलाई जा रही है. साल 2014 से लेकर नवंबर 2020 तक प्रदेश में 5274 बच्चियों को इसका लाभ दिया गया है.

वर्ष लाभांवित बच्चियां
2014-15 428
2015-16 683
2016-17 904
2017-18 719
2018-19 757
2019-20 1346

2020 में नवम्बर महीने तक 437 बच्चियों को नोनी सुरक्षा योजना के तहत लाभान्वित किया गया.

सुकन्या समृद्धि योजना

सुकन्या समृद्धि योजना मोदी सरकार की तरफ से शुरू की गई छोटी बचत स्कीम है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत इसे शुरू किया गया है. यह स्कीम बेटियों की शिक्षा और उनके शादी विवाह के लिए रकम जुटाने में मदद करती है. फिलहाल इस स्कीम के तहत 8.1 फीसदी ब्याज दिया जाता है.

राजधानी में बीते वित्तीय वर्ष से लेकर अक्टूबर माह तक 8318 बच्चियों के लिए खाते खुलवाए गए. 2019 - 20 वित्तीय वर्ष के लिए 12000 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. 2019-20 में पोस्ट ऑफिस में 5313 खाते खोले गए. बैंक में 1863 खाते खोले गए. साल 2020 के अक्टूबर माह तक कुल 1142 खाते खोले गए. जिसमें पोस्ट ऑफिस में 896 और बैंक अकाउंट में 246 खाते खोले गए.

सबला योजना

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राजीव गांधी किशोरी सशक्तिकरण योजना सबला योजना की शुरुआत इंदिरा गांधी के जन्म दिवस 19 नवंबर को साल 2010 में किया था. पायलट योजना के तौर पर सबला योजना को 200 जिलों में 1 करोड़ से अधिक किशोरियों में शुरू किया गया. सबला योजना के माध्यम से 11 से 18 वर्ष की किशोरियों को पोषण आयरन एवं फोलिक एसिड प्रतिपूरक स्वास्थ्य जांच और रेफरल सेवाएं पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा परिवार कल्याण और परामर्श गृह प्रबंधन सिखाया जाता है. 16 वर्ष और इससे अधिक आयु की लड़कियों के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत व्यवसायिक परीक्षण दी जाती है. राज्य सरकार इस योजना के तहत सालाना 2400 बालिकाओं को प्रशिक्षित कर रही है.

जेजे एक्ट

जूविनाइल जस्टिस एक्ट के अंतर्गत नाबालिग के किए गए अपराध की सजा तय की जाती है.राज्य के सभी जनपदों में इसके लिए कोड बनाया गया है. नाबालिग अपराधियों की अधिकतम सजा 3 वर्ष तक दी जाती है. इस दौरान नाबालिग अपराधियों को सुधार और देखभाल के लिए उन्हें संप्रेक्षण गृह में रखा जाता है. यह योजना राज्य और केंद्र सरकार मिलकर संचालित करती है. इस योजना के तहत 252 बच्चियां, महिलाएं बाल विकास के संरक्षण में है. एसओएस में 108, बालिका गृह में 42 और ओपन शेल्टर में बालिकाएं रह रही हैं.

सखी सेंटर

इस योजना के माध्यम से सरकार उन बालिकाओं की मदद करती है जो किसी भी प्रकार से समाज से प्रताड़ित हैं. वन स्टॉप सेंटर का उद्देश्य परिवार समुदाय और कार्यस्थल पर हिंसा से प्रभावित निजी और सार्वजनिक स्थानों में प्रभावित महिलाओं का समर्थन करना है. यहां पर एक ही छत के नीचे महिलाओं को तमाम सुविधाएं दी जाती हैं. महिलाओं को यहां रहने की सुविधा, यहां पर न्यायिक जांच की सुविधा के अलावा तमाम सुविधाएं दी जाती हैं. योजना प्रारंभ से 30 नवंबर 2020 तक कुल प्रकरण 4 हजार 4 सौ 69 रहे. जिनमें से 3 हजार 8 सौ 41 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है. लंबित प्रकरणों की संख्या 628 है. सखी वन स्टॉप सेंटर ने अभी तक 1450 महिलाओं को आश्रय भी दिया हैं.

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना

मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना के उद्देश्य गरीब जरूरतमंद और बेसहारा परिवारों की बेटियों, विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं की शादी के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है. इस योजना के तहत समाज सामूहिक विवाह करने वाली सभी कन्याओं पर 25000 हजार रुपये खर्च करती है. इस योजना के तहत राजधानी रायपुर के 1 हजार 7 सौ 35 महिलाओं को लाभान्वित किया गया है.प्रदेश में योजना 2014 से संचालित हो रही है.

वर्ष मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का मिला लाभ
2014 - 15 101
2015-16 258
2016-17 117
2017-18 324
2018-19 417
2019-20 518

बालिका और महिलाओं की योजनाओं का बेहतर संचालन

महिला एवं बाल विकास विभाग के राजधानी के कार्यक्रम अधिकारी अशोक पांडेय ने बताया कि जिले में सभी कल्याणकारी योजनाएं बेहद हीअच्छे तरीके से संचालित हो रही हैं. सभी योजनाओं के तहत ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को लाभ दिलाने की कोशिश राज्य सरकार कर रही है.केंद्र सरकार की बालिका कल्याण योजना भी राज्य में सही ढंग से संचालित की जा रही है.

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