रायपुर/हैदराबाद:गंगासागर मेला (Gangasagar Mela) के दौरान हर साल देश भर से श्रद्धालु मकर संक्रांति पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम पर आते हैं. Devotees reach Gangasagar यह कुंभ मेले के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा तीर्थ आयोजन है, जिसके लिए संक्रांति से पहले आस्थावान गंगासागर पहुंचने लगे हैं. कोविड महामारी के कारण 2 साल बाद आयोजित होने जा रहे मेले में इस बार 30 लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान है.
15 जनवरी को लगेगी पवित्र डुबकी:पश्चिम बंगाल पर्यटन के अनुसार गंगासागर कोलकाता के दक्षिण में लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण बंगाल की खाड़ी के महाद्वीपीय शेल्फ पर स्थित गंगा डेल्टा में एक द्वीप है. इस बार गंगासागर मेले का आयोजन 8 से 17 जनवरी तक होगा. वहीं 15 जनवरी को पड़ने वाली मकर संक्रांति को पवित्र डुबकी लगाने के लिए लगभग 30 लाख लोगों के आने की उम्मीद है. पौष पूर्णिमा स्नान के लिए गुरुवार को आस्था का रेला उमड़ पड़ा. कड़ाके की ठंड में आधी रात से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु देशभर में संगम तटों पर पहुंचने लगे हैं. शुक्रवार से कड़ी सुरक्षा के बीच प्रथम पुण्य की डुबकी के साथ माघ मेले का आगाज हो जाएगा.
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गंगासागर मेला को राष्ट्रीय दर्जा की मांग:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के 24 दक्षिण परगना में गंगासागर द्वीप पर हर साल लगने वाले गंगासागर मेले के लिए राष्ट्रीय दर्जे की मांग की है. ममता ने केंद्र पर आरोप लगाया कि उसका फोकस कुंभ मेला है, जो हर 12 साल में मनाया जाता है, लेकिन बंगाल के गंगासागर मेले पर नहीं। केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए भारी भरकम फंड मुहैया कराती रही है. लेकिन गंगासागर मेले को कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया. इसलिए इसे राष्ट्रीय मेला घोषित किया जाए ताकि केंद्र से कुछ फंड मिल सके.
कोविड 19 प्रोटोकॉल के साथ आयोजित होगा मेला:ममता बनर्जी ने राज्य प्रशासन को मेले के लिए कोविड-19 निगरानी टीमों का गठन करने का निर्देश दिया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग को मेले के दौरान स्थिति की निगरानी करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने को भी कहा है. हाल ही में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए तीर्थयात्रियों के लिए विशेष रूप से 300 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया जा रहा है. आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है। वहीं ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से गंभीर रूप से बीमार रोगियों को ले जाने के लिए एक एयर एंबुलेंस, चार जल एंबुलेंस और 100 एंबुलेंस को कॉल पर रखा जाएगा.