रायपुर/ हैदराबाद:धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुक्र का प्रचलित नाम शुक्राचार्य है जिनके पास संजीवनी विद्या है और ये शिव के परम भक्त व महर्षि भृगु ऋषि के पुत्र हैं. सप्ताह में शुक्रवार का दिन शुक्र को समर्पित है. शुक्र के अच्छे फल के लिए महिलाओं का सम्मान करें. इसके साथ ही भगवान परशुराम की आराधना करने से भी शुक्र की कृपा प्राप्त होती है. वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है. इसके प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है. ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शोहरत, कला, सौन्दर्य, रोमांस और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है.
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि जिन व्यक्तियों की कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ और अच्छी स्थिति में होता है, ऐसे जातक अपने दृष्टिकोण में आकर्षक होते हैं और स्वभाव में बेहद ही रोमांटिक होते हैं.इसके अलावा ऐसे जातकों का प्रेम और वैवाहिक जीवन बेहद सफल और सुखमय होता है.वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र, प्रेम और सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रह है. यदि कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में न हो तो व्यक्ति के जीवन में शुभ कार्य में कमी देखने को मिल सकती है.
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