रायपुर:खुद के आशियाने का सपना हर कोई देखता है, फिर चाहे वो गरीब हो या अमीर. लेकिन गरीबों या कम आय वर्ग के लोगों के लिए अपने इस सपने को पूरा कर पाना नामुमकिन सा होता है. एक घर बनाने में इनके पूरे जीवन की जमापूंजी चली जाती है. कई लोग तो आजीवन अपने घर के लिए तरसते रहते हैं. अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की. इस योजना से लाखों लोग लाभान्वित भी हुए हैं, लेकिन योजना में कई घोटाले और फर्जीवाड़े भी सामने आए है. राजधानी रायपुर में BSUP के लिए बनाए गए मकानों को फर्जी तरीके से आवंटित करने का मामला सामने आया है. मकान दिलाने के नाम पर 100 से ज्यादा लोगों से ठगी की गई है.
नगर निगम ने 98 लोगों के नाम से बीएसयूपी मकान आवंटित करने का लिस्ट जारी किया था. इस लिस्ट में फर्जीवाड़ा करते हुए शातिरों ने 258 लोगों के नाम पर अलॉटमेंट की फर्जी लिस्ट बना ली. हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ.
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अवैध तरीके से मकान का आवंटन
इस शातिर गैंग ने फर्जी तरीके से नगर निगम की सील और लेटर पैड तैयार कर प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर शहर के सड्डू, बोरियाकला और अन्य इलाकों में बने बीएसयूपी मकानों को अवैध तरीके से आवंटित कर दिया और प्रति परिवार 1 लाख 30 हजार रुपए वसूल लिए.
हाईकोर्ट में याचिका के बाद फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा
इसके तीन महीने बाद इस गैंग ने एक और चाल चली और जिन लोगों को मकान आवंटित हुए थे, उन्हें नगर निगम का फर्जी नोटिस जारी कर तत्काल मकान खाली करने या फिर सवा लाख रुपए जमा करने के लिए कहा. नोटिस के खिलाफ कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई. इसके बाद पूरे फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है. पीड़ित परिवारों ने बताया कि ठगों ने उन्हें मकान दिलाने का सपना दिखाया था. हमें घर मिलेगा इसके लिए हमने रुपए जमा कर दिए, लेकिन घर नहीं मिला. उन्होंने बताया कि रुपए मिलने के बाद ठगों ने उनका कॉल उठाना भी बंद कर दिया.