रायपुर:कोरोना वायरस का प्रकोप दुनियाभर में है. कोविड-19 के खौफ से देश लॉकडाउन है, लेकिन विश्वयापी बीमारी के बीच पीलिया की दस्तक ने राजधानी रायपुर के लोगों को बड़ी मुसीबत में डाल दिया है. पीलिया के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, जिसके रोकथाम के लिए रायपुर नगर निगम के सभागार में बैठक आयोजित की गई. जहां कोविड-19 और पीलिया की रोकथाम को लेकर पूर्व मेयर किरणमयी नायक समेत अन्य लोगों ने निगम आयुक्त सौरभ कुमार को सुझाव दिए. इस बैठक में पार्षद और पदाधिकारियों ने अपने अनुभव के आधार पर सुझाव दिए.
कोरोना और पीलिया को लेकर बैठक इस दौरान पूर्व महापौर किरणमयी नायक ने कहा कि 'रायपुर नगर निगम जनसंख्या की दृष्टि से काफी बड़ा नगर निगम है. यहां की आबादी लगभग 12 लाख से अधिक है. जिस समय वे यहां महापौर हुआ करती थीं, उस समय यहां संसाधनों की कमी थी. उन्होंने सुझाव दिया कि हमें इतना ही करना है कि हमें मिनिमम आउटपुट में मैक्सीमम फायदा मिल सके. ये ज्यादा मुश्किल नहीं है'. उन्होने कहा कि 'शहर में अगर पाइप लाइन बिछी है, वे नालियों के भीतर से होकर जाती है, तो खुली नालियों के कारण शौचालयों का पानी नालियों से बहता है. इससे पीलिया संक्रमण का खतरा रहता है.
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राजधानी में नई पाइप लाइन की जरूरत
उन्होंने कहा कि 'नए पार्षद नई पाइप लाइन की मांग करते हैं. उनके कार्यकाल में वाटर एनर्जी आडिट का प्रस्ताव दिया गया था'. ऑडिट में टेक्नोलाॅजी के माध्यम से पता लगना है कि कहां पानी की भरपूर मात्रा है, कहां कम है, कहां हमें नई पाइप लाइन की जरूरत है. इसकी जानकारी वह देता है. इससे हमें फायदा हो सकता है. पहले की तुलना में अब घर-घर में नल होने के कारण यह समस्या कम हो गई है, लेकिन वाटर एनर्जी आडिट को लागू करवाना एक अच्छा कार्य हो सकता है'.
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बूढा तालाब को रिसाईकिलिंग की आवश्यकता
पूर्व महापौर नायक ने सुझाव दिया कि सभी अवैध नल कनेक्शन को वैध किया जाना चाहिए. जहां आवश्यकता नहीं है. वहां कनेक्शन काट दिया जाना चाहिए. पानी की व्यवस्था सुधारे जाने पर हम पीलिया से निजात पा सकेंगे. हमारे कार्यकाल में तेलीबांधा तालाब के लिए वाटर फिल्टर योजना का एक अभियान चलाया गया था, जिससे रायपुर नगर निगम को पहली बार इंटरनेशनल अवार्ड मिला था. तेलीबांधा तालाब में एक भी जलकुंभी अब नहीं है'. उन्होंने कहा कि 'बूढा तालाब के लिए रिसाईकिलिंग की बहुत आवश्यकता है'.
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20 लाख मास्क बनवाकर वितरित करने की अपील
पूर्व सभापति प्रफुल्ल विष्वकर्मा ने कहा कि 'हमारे कार्यकाल में जब पीलिया फैला था, तो हमने शासन स्तर पर पीलिया के स्त्रोत को पहचानकर तुरंत उस पर अमल कर स्थिति सुधारी थी. कोरोना वैश्विक बीमारी है, जिसके लिए हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते, सिर्फ सरकारी नियमों का पालन करके ही हम कोरोना से राहत पा सकते हैं. निगम 12 लाख जनता के लिए कम से कम 20 लाख मास्क बनवाकर वितरित करे. सकारात्मक सोच से ही जीवन में सफलता मिलती है. पहले रायपुर को खुले में शौच मुक्त करने में काफी दिक्कतें आई थी, लेकिन अब रायपुर सहित छत्तीसगढ लगभग खले में शौच मुक्त हो चुका है'.
राजधानी में पीलिया फैलना सोचनीय विषय
कोरोना के लिए जब तक वैक्सीन की व्यवस्था न हो जाए, तब तक स्वयं की सुरक्षा करने के लिए सभी को जागरूक बनाने का काम होना चाहिए. पूर्व सभापति विश्वकर्मा ने कहा कि 'पहले पीलिया को गन्ना रस, खुले में शौच, गुपचुप के कारण फैलना माना जाता था, लेकिन अब लाॅकडाउन में पीलिया फैलना वास्तव में सोचनीय विषय है. फिल्टर प्लांट से अगर दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है, तो यह गंभीर विषय है. इस दौरान पूर्व नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत राठौर, पूर्व महापौर और सभापति प्रमोद दुबे ने भी रायपुर शहर के विकास के लिए अपने सुझाव दिए.
पीलिया की रोकथाम के लिए दिए सुझाव
बता दें कि सोमवार को नगर निगम रायपुर के सभागार में महापौर एजाज ढेबर, पूर्व महापौर किरणमयी नायक, पूर्व सभापति प्रफुल्ल विश्वकर्मा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत राठौर, महापौर और सभापति प्रमोद दुबे ने कोरोना वायरस संक्रमण और पीलिया की रोकथाम के लिए अपने सुझाव महापौर, निगम आयुक्त सौरभ कुमार को दिए. इस बैठक में निगम के पार्षद मौजूद रहे.