रायपुर:18 मई को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट किया. जिसके बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मच गई. इस ट्वीट का असर ये हुआ कि कांग्रेस ने रमन सिंह के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज कराई और उनकी गिरफ्तारी की मांग की. आइए आपको बताते हैं कि 18 मई के रमन सिंह के ट्वीट में आखिर ऐसा क्या था?
रमन सिंह का वो ट्वीट जिस पर विवाद खड़ा हुआ
पूर्व सीएम रमन सिंह ने कांग्रेस का कथित लेटर ट्विटर पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि इसमें देश का माहौल खराब करने की पूरी प्लानिंग लिखी है. रमन सिंह की तरफ से सोशल मीडिया पर लिखा गया कि 'कोरोना संकट के समय कांग्रेस की बिलो द बेल्ट राजनीति देखकर शर्म आती है. विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने कांग्रेस कुंभ का दुष्प्रचार और जलती लाशों की फोटो दिखाने का षड्यंत्र कर रही है. महामारी से साथ लड़ने के बजाय कांग्रेस लोगों को आपस में लड़ा रही है.' रमन सिंह ने #congresstoolkitexposed के साथ ये पोस्ट ट्वीट किया.
टूलकिट मामला : नड्डा, स्मृति ईरानी समेत कई भाजपा नेताओं पर एफआईआर दर्ज
रायपुर में रमन सिंह के खिलाफ FIR
रमन सिंह के ट्वीट के बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह पर जाली दस्तावेजों की मदद से सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया और रायपुर के सिविल लाइंस थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
छत्तीसगढ़ में बीजेपी-कांग्रेस के बीच 'टूलकिट' पर तीखी नोकझोंक
ट्वीट के जरिए बीजेपी ने निकाली भड़ास
रमन सिंह के साथ कई वरिष्ठ बीजेपी नेताओं पर FIR के बाद बीजेपी भड़क गई है. इस मुद्दे पर बीजेपी के तमाम नेताओं ने ट्वीट कर अपनी भड़ास निकाली है. छत्तीसगढ़ बीजेपी ने FIR दर्ज कराने को गलत करार देते हुए कई हैशटैग सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं. ये सिलसिला फिलहाल जारी है. #भूपेश_हमें_भी_करो_गिरफ्तार, #भूपेश_मुझे_भी_गिरफ्तार_करो जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कराया है. कई नेताओं ने अपने पोस्ट में इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया है. कुछ ने भूपेश सरकार पर तानाशाह होने का आरोप मढ़ा है.
छत्तीसगढ़ में टूलकिट मामले पर बीजेपी का ऑन डोर प्रोटेस्ट
टूलकिट मामले में बीजेपी का प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ में टूलकिट मामले में कई बीजेपी नेताओं पर FIR के बाद आज बीजेपी ऑन डोर प्रोटेस्ट करेगी. छत्तीसगढ़ BJP के सभी नेता पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपने-अपने घरों में धरने पर बैठेंगे.
जानिए छत्तीसगढ़ में क्या है वो टूलकिट मामला, जिस पर गरमाई है राजनीति ?
टूलकिट में छत्तीसगढ़ का भी जिक्र
टूलकिट में एक जगह पर पीएम केयर फंड को निशाना बनाए जाने की बात लिखी हुई है. इसमें फंड से भेजे गए पंजाब और छत्तीसगढ़ में भेजे गए वेंटिलेटर उपयोगी नहीं हैं. इस बात का जिक्र है. इस फैक्ट को लेकर पीएम केयर फंड से भेजे गए वेंटिलेटर डिफेक्टिव हैं, ऐसा भ्रम फैलाए जाने की बात लिखी हुई है. इस बात पर छत्तीसगढ़ में भी सियासत तेज हो गई है. भाजपा केंद्र से आए वेंटिलेटर का उपयोग न करने का राज्य सरकार पर आरोप लगा रही है. दूसरी ओर सत्ता पर काबिज कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार ने खराब वेंटिलेटर की सप्लाई की है.
पीएम केयर्स फंड से खरीदे गए खराब वेंटिलेटर पर सियासत तेज, अधिकारी के लेटर से मची खलबली
छत्तीसगढ़ को कोरोना काल में पीएम केयर फंड से दो कंपनियों के 230 वेंटीलेटर मिले थे. इनमें से ज्यादातर वेंटिलेटर गारंटी पीरियड में ही खराब हो गए. जिन्हें बनाने के लिए दोनों कंपनियों ने पूरे प्रदेश के लिए केवल एक इंजीनियर मुहैया कराया. स्वास्थ्य विभाग में पदभार संभालते ही नए प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने केंद्र को एक पत्र लिखकर घटिया वेंटिलेटर सप्लाई करने वाली कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश की है.
टूलकिट में छत्तीसगढ़ का भी जिक्र
क्या होता है टूलकिट?
टूलकिट एक डिजिटल दस्तावेज होता है. टूलकिट आमतौर पर किसी मुद्दे को लेकर तैयार किया जाता है. उस मुद्दे पर तैयारियों और आगे का रोडमैप का उल्लेख किया जाता है. टूलकिट में संबंधित मामले से जुड़ा हर अपडेट डाला जाता है.उस मुद्दे से जुड़े अदालती याचिकाओं, प्रदर्शनकारियों की जानकारी, इसे जन आंदोलन बनाने की कोशिश से जुड़ी तमाम सामग्री सूचनाओं के तौर पर उपलब्ध करवाई जाती है. इसमें एक्शन प्वाइंट दिया होता है और उसी के मुताबिक तैयारी की जाती है. सोशल मीडिया पर हैशटैग भी चलाया जाता है.
सीधे शब्दों में कहें तो एक तरह का नोट या डॉक्यूमेंट होता है, जिसमें किसी मामले को लेकर कई जानकारी लिखी होती है. इस डॉक्यूमेंट को इंटरनेट के माध्यम से एक-दूसरे को भेजा जाता है या सोशल मीडिया पर किसी चीज का प्रचार किया जाता है. इसका इस्तेमाल अक्सर आंदोलन या प्रदर्शन में ज्यादातर होता है. इसमें जानकारी दी जाती है कि भीड़ को कहां इकट्ठा होना है, कौन से नारे लगाने हैं और सोशल मीडिया पर किस हैशटैग के साथ अपनी बात रखनी है और किस तरह से आंदोलन को आगे लेकर जाना है. इस तरह देश के साथ छत्तीसगढ़ में फिलहाल टूलकिट मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.