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रायपुर: हाथियों की मौत पर सरकार-विपक्ष में ठनी, बीजेपी का आरोप-कहीं तस्करी तो नहीं - ईटीवी भारत

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि हाथियों को कंट्रोल करने फॉरेन से टीम बुलाई जा रही है. वन मंत्री ने हाथियों द्वारा ग्रामीणों की मौत के लिए सेल्फी को जिम्मेदार बताया. बीजेपी ने कहा कि सेल्फी पर ठीकरा फोड़कर अपनी जिम्मेदारी से सरकार नहीं बच सकती.

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हाथियों की मौत पर राजनीति

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Published : Jul 5, 2020, 12:32 PM IST

रायपुर:प्रदेश में एक के बाद एक हुई लगातार 6 हाथियों की मौतों के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में मची हलचल अब भी शांत नहीं हुई है. हाथियों की मौत रोकने के लिए सरकार की ओर से योजनाबद्ध तरीके से काम करने अधिकारियों ने कार्ययोजना तैयार कर ली है, और इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया है, लेकिन अब तक अधिकारी इसे लेकर कोई अच्छी और कारगर योजना नहीं बना सके हैं.

हाथियों की मौत पर राजनीति

हाथियों को कंट्रोल करने विदेशों से आएंगे एक्सपर्ट

इस बीच सूचना आ रही है कि हाथियों और इंसानों के बीच लंबे समय से चल रहे द्वंद को खत्म करने सरकार विदेशों से एक्सपर्ट बुलाने की तैयारी में है. उनकी सलाह और सुझाव के आधार पर ही आगामी दिनों में राज्य सरकार हाथियों से निपटने की रणनीति बनाएगी. इससे हाथियों और इंसानों की मौत को रोका जा सकेगा और ग्रामीणों को कम से कम नुकसान पहुंचेगा. वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने ETV भारत को बताया कि हाथियों के उत्पात को रोकने के लिए प्रशिक्षित हाथियों को लाया गया है, लेकिन हाथी एक जगह नहीं रुकते हैं. इसलिए उन्हें नियंत्रित करने में दिक्कत आ रही है. ऐसे में हाथियों को रोकने के लिए भारत सहित विदेशों से एक्सपर्ट बुलाए जा रहे हैं उनके सुझाव के जरिए इन हाथियों से निपटने योजना बनाई जाएगी.

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'हाथियों के साथ सेल्फी बनी बड़ी मुसीबत'

हाथियों के कारण हो रही इंसानों की मौत को लेकर वन मंत्री मोहम्मद अकबर का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या सेल्फी है. जब हाथी सामने आता है तो लोग मोबाइल लेकर दौड़ जाते हैं और सेल्फी लेने लगते हैं. इस वजह से भी दुर्घटनाएं हो रही है. दरअसल ग्रामीणों को हाथियों के गांव में प्रवेश करने पर उनकी सुरक्षा के लिए अलर्ट किया जाता है. इसके लिए अन्य संसाधनों सहित मोबाइल ऐप का भी इस्तेमाल किया जाता है. ताकि ग्रामीणों को हाथी के आने की सूचना मिल सके और वे सुरक्षित जगह पर जा सकें, लेकिन सूचना मिलने के बाद लोग वहां से सुरक्षित जगह नहीं जाते हैं बल्कि कई लोग सेल्फी लेने लगते हैं. वन मंत्री ने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए भी योजना बनाई जा रही है.

बीजेपी ने लगाया हाथियों की तस्करी का आरोप

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने हाथियों की तस्करी की आशंका जाहिर करते हुए सरकार को इस पर विचार करने की सलाह दी. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सरकार सिर्फ यह कह कर अपनी जवाबदारी से पीछे नहीं हट सकती कि लोगों की मौत हाथी के साथ सेल्फी लेने के कारण होती है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को हाथियों और इंसानों के बीच चल रहे द्वंद को रोकने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाने की जरूरत है.

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'वन विभाग के पास नहीं हैं प्रशिक्षित कर्मी'

वन्य जीव प्रेमियों का कहना है कि सरकार के पास हाथियों का स्वभाव जानने-समझने वाले एक्सपर्ट नहीं हैं. वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने ओडिशा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी लोगों को हाथियों के साथ रहने का प्रशिक्षण देने की जरूरत बताया. जिससे लोग इन हाथियों को अपना दुश्मन नहीं बल्कि दोस्त समझ कर व्यवहार करें. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हाथियों से निपटने वन विभाग के पास प्रशिक्षित कर्मी नहीं हैं. इस वजह से ऐसी परिस्थितियों से निपटने प्रदेश का वन विभाग का अमला नाकाम हो रहा है और हाथियों और इंसानों की जान जा रही है.
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बता दें कि सघन वनक्षेत्र होने के कारण छत्तीसगढ़ के काफी बड़े हिस्से में हाथी घूमते रहते हैं. इनमें सूरजपुर, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, कवर्धा, अंबिकापुर, जशपुर, रायगढ़, कोरबा में हाथियों का दल बहुतायत में विचरण करते हैं, कई बार हाथियों के ये दल भोजन की तलाश में रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं. इस दौरान इंसानी जान-मान का नुकसान तो होता ही है, साथ ही हाथी भी किसी न किसी हादसे के शिकार हो जाते हैं. ये सिलसिला पिछले कई दशकों से चला आ रहा है.

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