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छत्तीसगढ़ के जंगलों में अंधाधुंध अवैध कटाई, उत्खनन और शिकार पर अंकुश लगाने नाकाम हुआ वन विभाग, रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े - लकड़ियों की अवैध कटाई

छत्तीसगढ़ के जंगलों में अवैध कटाई, उत्खनन और शिकार पर अंकुश लगाने में वन विभाग नाकाम साबित रहा है. इसे लेकर करीब 20 हजार से ज्यादा केसेस प्रतिवर्ष दर्ज किए जा रहे हैं. लेकिन आरोपियों पर लगाम लगाने वन विभाग के लिए टेड़ी खीर से कम है.

Indiscriminate illegal felling in the forests of Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के जंगलों में अंधाधुंध अवैध कटाई

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Published : Dec 10, 2021, 10:44 AM IST

Updated : Dec 10, 2021, 11:57 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के जंगलों में अवैध उत्खनन, वन कटाई और शिकार दिनों दिन बढ़ते जा रहा है. इस पर अंकुश लगाने में वन विभाग अब तक नाकाम रहा है. आए दिन जंगलों की कटाई अवैध उत्खनन और शिकार के मामले प्रकाश में आते रहे हैं. बावजूद इसके इन मामलों में कोई बड़ी कार्रवाई अब तक नहीं हुई है. जिस वजह से वन अपराध से जुड़े लोगों का मनोबल लगातार बढ़ रहा है.

लकड़ियों की अवैध कटाई

आंकड़े बताते हैं कि मामला दर्ज होने के बाद भी कई तकनीकी कारणों और कानूनी दांवपेच के बीच आरोपी सलाखों के पीछे नहीं पहुंच सके हैं. या यूं कहें कि कानूनी दांवपेच का फायदा उठाते हुए बच निकलते हैं. इतना ही नहीं उनके खिलाफ जो फाइल (जुर्माने की राशि) लगाई जाती है. उसकी रिकवरी भी नहीं हो पाती है. जिस वजह से लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ती रहती है.

लॉकडाउन के दौरान पेंड्रा में हो रही लकड़ियों की अवैध कटाई

आइए जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के जंगलों में अवैध उत्खनन, वन कटाई और शिकार के कितने मामले दर्ज हुए

मामले 2019 2020 2021
अतिक्रमण 272 502 329
अवैध परिवहन 426 254 86
अवैध कटाई 19,575 21,046 12868
अन्य 1923 1,456 1282
कुल 22,196 23,258 14565

वन विभाग के पास नहीं है संसाधन

जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में साल 2019 से लेकर साल 2021 तक लगभग 60,000 से अधिक मामले इन मामलों में सबसे ज्यादा संख्या वन कटाई की है. उसके बाद उत्खनन और शिकार के मामले शामिल हैं. वनों में हो रहे अवैध उत्खनन, वन कटाई और शिकार को रोकने के लिए फॉरेस्ट गार्ड की नियुक्ति (Forest Guard Recruitment) की गई है. लेकिन संसाधनों के अभाव में इन सभी प्रकरणों पर नियंत्रण नहीं लग पा रहा है.

चीन में खपाई जाती है अवैध लकड़ियों

कुछ माह पूर्व रायपुर के खमतराई में वन विभाग ने तकरीबन 7 घन मीटर लकड़ी जब्त की थी. वन विभाग ने इसका अलग अलग 7 सैंपल आईडब्ल्यूएसटी के लिए भेजा था. इसमें करीब डेढ़ घन मीटर लकड़ी रक्त चंदन की निकली है. इसे आरोपी खैर यानी कत्था बनाने वाली लकड़ी के बीच में छिपाकर चाइना भेजने की तैयारी में थे. जिसे वन विभाग ने छापा मारकर जब्त किया था. इसकी कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये आंकी गई थी. चंदन की लकड़ी सात अलग-अलग किस्म की लकड़ियों में छुपाकर चीन भेजने की तैयारी थी. लकड़ियों को इस तरह से मिक्स किया गया था कि अलग-अलग पहचानना मुश्किल हो गया था. तस्करों ने इसी का फायदा उठाकर रायपुर के रास्ते उत्तर प्रदेश और वहां से हिमाचल प्रदेश होते हुए चाइना तक ले जाने की तैयारी की थी. जिसे वन विभाग ने नाकाम कर दिया था. चीन में चंदन लकड़ी की डिमांड (Demand for Chandan Wood) ज्यादा है. वहां तस्करों को मुंह मांगी रकम मिल जाती है. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ से चोरी छिपे तस्करी की जाती है.

हराभरा जंगल

जुर्माने के बाद नहीं होती पाती रिकवरी

वहीं जंगलों में अवैध कटाई और लकड़ी तस्करी सहित अन्य अपराधों को लेकर जब छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) राकेश चतुर्वेदी से फोन पर चर्चा की गई. तो उन्होंने कहा कि अवैध कटाई और लकड़ी तस्करी सहित वन से जुड़े अन्य अपराधों को रोकने के वन विभाग लगातार सतर्क रहता है. ऐसे मामलों को रोकने के लिए उड़नदस्ते तैनात किए गए हैं. जो समय-समय पर छापेमारी कार्रवाई को अंजाम देते हुए जंगल कटाई और लकड़ियों की अवैध तस्करी को रोकते हैं. इतना ही नहीं इस दौरान मामले दर्ज कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाती है. हालांकि प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि इस पूरी कार्रवाई के बीच आरोपियों पर जो जुर्माना लगाया जाता है. उसकी रिकवरी (फाइन एंड कंपनसेशन) करने में उन्हें जरूर परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

20 हजार से ज्यादा मामले दर्ज लेकिन कार्रवाई नहीं

हर साल छत्तीसगढ़ में लगभग 20 हजार से ज्यादा वन अपराध दर्ज किए जाते हैं. लगातार वन अपराध की बढ़ती संख्या कहीं ना कहीं विभाग के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. उससे ज्यादा गंभीर समस्या कार्रवाई के बाद रिकवरी का ना होना है. लेकिन अब देखने वाली बात है कि आने वाले समय में वन विभाग इन समस्याओं से कैसे निपटता है.

Last Updated : Dec 10, 2021, 11:57 AM IST

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