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छत्तीसगढ़ में बंद नहीं होंगे एपीएल राशनकार्ड: खाद्य विभाग

एपीएल राशनकार्ड बंद होने की खबरों के बीच छत्तीसगढ़ के खाद्य विभाग ने छत्तीसगढ़ में एपीएल कार्ड को बंद करने की अभी किसी तरह की योजना होने की बात कही है.

APL card will not be closed in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में नहीं बंद होंगे बीपीएल कार्ड

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Published : Jun 3, 2020, 7:51 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ के खाद्य विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि, राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सामान्य एपीएल राशनकार्ड में परिवर्तन करने या राशनकार्ड समाप्त करने का कोई प्रस्ताव विभाग में विचाराधीन नहीं है. प्रदेश के 9.19 लाख राशनकार्डधारी सामान्य परिवारों के 29.45 लाख सदस्यों को योजना का लाभ मिल रहा है.

नागरिकों की ओर से एपीएल और अन्य योजना के तहत नये राशनकार्ड के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन देकर आवश्यक दस्तावेज के साथ ग्राम पंचायत या नगरीय निकाय में प्रस्तुत करने पर नियम के अनुसार राशनकार्ड जारी किया जाएगा. राज्य में नवीन सामान्य (एपीएल) राशनकार्ड बनाने का काम लगातार जारी है.

एपीएल राशनकार्ड वालों को 10 रुपये प्रति किलो चावल

सामान्य एपीएल राशनकार्डधारियों को प्रतिमाह राज्य शासन की ओर से निर्धारित पात्रता अनुसार 10 रुपये प्रति किलो की दर से चावल दिया किया जा रहा है. राज्य में एपीएल राशनकार्डधारियों को अक्टूबर 2019 से खाद्यान्न दिया किया जा रहा है. वहीं अप्रैल 2020 में 7.45 लाख राशनकार्डधारियों ने 21 हजार 756 टन चावल का उठाव उचित मूल्य दुकानों से किया.

जून माह के लिए आबंटित खाद्यान्न का वितरण जारी है. अभी तक 12 हजार 610 राशनकार्डधारियों ने चावल का उठाव किया है. जुलाई 2020 के लिए सामान्य, एपीएल चावल का भण्डारण 30 जून 2020 तक उचित मूल्य दुकानों में किया जाएगा.

प्रवासियों को दिया जा रहा 5 किलो चावल

लॉकडाउन होने की वजह से अन्य राज्यों से वापस आए छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिक, जिनके पास राशनकार्ड नहीं हैं, उन्हें ऑफलाइन आवेदन के साथ ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा दी गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रवासी श्रमिक जिनके पास केन्द्र या राज्य सरकार की पीडीएस योजना के तहत राशनकार्ड नहीं है, उन्हें मई और जून में प्रति सदस्य 5 किलो चावल और प्रति परिवार एक किलो चना निशुल्क दिया जा रहा है.

528.30 टन चना का आबंटन प्रतिमाह किया

सरकार की ओर से राज्य में प्रवासी व्यक्तियों और श्रमिकों की पहचान कर और पंजीयन कराकर उन्हें उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है. इसके लिए राज्य में 10 हजार 38 टन चावल और 528.30 टन चना का आबंटन प्रतिमाह किया जा रहा है.

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