ETV Bharat Chhattisgarh

छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस: 5 हजार दीयों की रोशनी से जगमगा उठी राजधानी की WRS कॉलोनी - छत्तीसगढ़ का इतिहास

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के मौके पर शहर के डब्ल्यू आर एस कॉलोनी में 5 हजार दीये जलाए गए. इस कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ सेवा समिति और क्रांति सेना की ओर से किया गया था.

Five thousand lamps burnt in WRS Colony
दीयों से रौशन हुई WRS कॉलोनी
author img

By

Published : Nov 1, 2020, 7:42 PM IST

Updated : Nov 1, 2020, 9:41 PM IST

रायपुर:राजधानी के डब्ल्यू आर एस कॉलोनी में छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के मोके पर छत्तीसगढ़ सेवा समिति और क्रांति सेना ने छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा का कार्यक्रम रखा. जिसके बाद छत्तीसगढ़ सेवा समिति और क्रांति सेना ने 5 हजार दीये जलाए.

WRS कॉलोनी में जलाए गए 5 हजार दीये

छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के संयोजक धनुक छत्तीसगढ़िया ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस को देखते हुए डब्ल्यू आर एस कॉलोनी (WRS Colony) में छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति की पूजा का कार्यक्रम रखा गया है. जिसके बाद छत्तीसगढ़ सेवा समिति और क्रांति सेना ने 5 हजार दीये जलाकर स्थापना दिवस का जश्न मनाया. पिछले 3 साल से रायपुर के डब्ल्यू आर एस कॉलोनी में छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता रहा है. लेकिन इस साल कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए आयोजना की बजाए समिति ने दिए जलाकर स्थापना दिवस मनाया.

in article image
छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा

तेजी से हो रहा छत्तीसगढ़ का विकास

आज से 20 साल पहले साल 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की गई थी. छत्तीसगढ़ देश का 26वां राज्य है. महज 20 साल में ही यह प्रदेश देश के उम्र दराज राज्यों के सामने विकास और तरक्की की चुनौती पेश कर रहा है. नए राज्य के रूप में गठित होने के बाद ये प्रदेश लगातार विकास के नए आयाम गढ़ रहा है. छत्तीसगढ़ देश का पहला हर्बल और जीरो पावर कट राज्य है.

दीये जलाती महिलाएं

20 बछर के छत्तीसगढ़: सुआ नृत्य में झूमते-झूमते जब महानदी की लहर उठे, समझ जाइएगा छत्तीसगढ़ है

खनिज संपदा से परिपूर्ण प्रदेश

छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 33 फीसदी अनुसूचित जनजाति और 42 फीसदी से ज्यादा वन क्षेत्र है. यह राज्य खनिज संपदा से परिपूर्ण है. यहां SECL कोल खदान, बैलाडीला लौह अयस्क खदान है.

छत्तीसगढ़ का इतिहास एक नजर में

  • 1 नवंबर 2000 को पूर्ण अस्तित्व में आया
  • प्राचीन काल में इस क्षेत्र को 'दक्षिण कौशल' के नाम से जाना जाता था.
  • रामायण और महाभारत में भी मिलता है उल्लेख.
  • 6वीं और 12वीं शताब्दियों के बीच सरभपूरिया, पांडुवंशी, सोमवंशी, कलचुरी और नागवंशी शासकों ने यहां शासन किया.
  • साल 1904 में यह प्रदेश संबलपुर उड़ीसा में चला गया और 'सरगुजा' रियासत बंगाल से छत्तीसगढ़ के पास आया.
Last Updated : Nov 1, 2020, 9:41 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details