विष्णुदेव साय का राजनीतिक सफर, कैसे बने छत्तीसगढ़ बीजेपी के पहले आदिवासी सीएम ?
Vishnudev Sai Political Journey छत्तीसगढ़ को बीजेपी ने पहला आदिवासी सीएम दिया है. विष्णुदेव साय को विधायक दल का नेता चुना गया.जिसके बाद रायपुर से लेकर जशपुर तक बीजेपी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी.विष्णुदेव साय अपने राजनीतिक जीवन निर्विवादित रहे हैं. 4 बार के सांसद और 2 बार के विधायक विष्णुदेव साय आदिवासी हैं.इसी के साथ उन्हें प्रदेशाध्यक्ष भी दो बार बनाया जा चुका है.आईए जानते हैं कैसा रहा विष्णुदेव साय का पंच से सीएम तक का सफर First tribal CM of Chhattisgarh BJP Vishnudev Sai
रायपुर : छत्तीसगढ़ के नए सीएम विष्णुदेव साय का नाम जैसे ही पर्यवेक्षकों ने जारी किया वैसे ही बीजेपी में खुशी की लहर दौड़ पड़ी.सीएम रेस में कई नाम थे लेकिन आखिर में केंद्रीय नेतृत्व में आगामी लोकसभा चुनाव और मौजूदा परफॉर्मेंस को आधार पर विष्णुदेव साय को सीएम पद के लिए चुना.मौजूदा समय में विष्णुदेव साय ने कुनकुरी विधानसभा से ऐतिहासिक जीत दर्ज की है.विधानसभा चुनाव में विष्णुदेव साय ने कांग्रेस के यूडी मिंज को 25541 वोटों के अंतर से मात दी है.इस चुनाव में विष्णुदेव साय को कुल 87604 वोट मिले हैं.इस विधानसभा में ईसाई समुदाय की संख्या ज्यादा है.लिहाजा विष्णुदेव साय की जीत उनके मेहनत का नतीजा है.जिसका फल भी उन्हें मिला.
अनुभव का मिला फायदा :विष्णुदेव साय चार बार सांसद, दो बार विधायक,एक बार केंद्रीय राज्य मंत्री और दो बार प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं. 2014 में बीजेपी की सत्ता आने के बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया था.साल 2020 में विष्णुदेव साय को बीजेपी का प्रदेशाध्यक्ष भी बनाया गया.विष्णुदेव साय की गिनती संघ के करीबी नेताओं में होती है.प्रदेश के संघटन में काम करने का विष्णुदेव साय को बड़ा अनुभव है.रमन सिंह के भी काफी करीबी साय माने जाते हैं.साय प्रदेश के दूसरे आदिवासी मुख्यमंत्री हैं. अजीत जोगी पहले आदिवासी मुख्यमंत्री के तौर पर जाने जाते हैं.
विष्णुदेव साय का राजनीतिक सफर
कौन हैं विष्णुदेव साय ? :विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को जशपुर जिले के बगिया गांव में हुआ. विष्णुदेव साय का पैतृक काम खेती किसानी ही है. उनके पिता स्वर्गीय रामप्रसाद साय किसान थे. विष्णुदेव साय की मां का नाम जसमनी देवी है. साय का विवाह 27 मई, 1991 में कौशल्या साय के साथ हुआ. जिससे उन्हें एक बेटा और दो बेटियां हैं. विष्णुदेव साय ने 10वीं तक की पढ़ाई कुनकुरी के लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल से की है.
कैसे शुरु हुआ राजनीति का सफर ? : विष्णुदेव साय का राजनीति जीवन गांव के पंच से शुरु हुआ.इसके बाद वो निर्विरोध बगिया गांव के सरपंच बने. साल 1990 में साय ने तपकरा विधानसभा (अविभाजित मध्यप्रदेश) से चुनाव लड़ा और जीते. साल 1998 तक ने तपकरा विधानसभा से विधायक रहे. इसके बाद 1999 में विष्णुदेव साय को लोकसभा की टिकट मिली.जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की.इसके बाद 2004, 2009 और 2014 यानी लगातार 4 बार सांसद बने.पीएम मोदी की सरकार जब सत्ता में आई तो 2014 में विष्णुदेव साय को इस्पात और खनन मंत्रालय की बड़ी जिम्मेदारी दी गई.
संगठन में कई बार संभाला बड़ा पद :विष्णुदेव साय को केंद्रीय नेतृत्व ने साल 2006 में छत्तीसगढ़ का प्रदेशाध्यक्ष बनाया था.इसके बाद 2011 में विष्णुदेव साय दोबारा प्रदेशाध्यक्ष बने.इसके बाद तीसरी बार साल 2020 से लेकर 2022 तक विष्णुदेव साय को तीसरी बार प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपी गई.लेकिन चुनाव से पहले ही उन्हें हटाकर अरुण साव को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद 8 जुलाई 2023 में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति का सदस्य बनाया गया.
परिवार में शुरु से ही राजनीति का माहौल :विष्णुदेव साय का परिवार राजनीति से जुड़ा है. खेती किसानी भले ही पैतृक काम हो,लेकिन राजनीति में हाथ आजमाना उनके परिवार के खून में हैं. विष्णुदेव साय के दादा स्वर्गीय बुधनाथ साय 1947 से 1952 तक मनोनीत विधायक रहे. वहीं बड़े पिता स्वर्गीय नरहरि प्रसाय साय 1962-67 और 1972-77 दो बार विधायक रहे.इसके बाद नरहरि साय 1977-79 तक सांसद के रूप में भी चुने गए.जिसमें उन्हें जनता पार्टी की सरकार में राज्यमंत्री के तौर पर काम किया.
विष्णुदेव साय का राजनीतिक सफर
1989- ग्राम पंचायत बगिया के पंच
1990- ग्राम पंचायत बगिया के निर्विरोध सरपंच
1990 से 1998 - तपकरा विधानसभा (अविभाजित मध्यप्रदेश) से विधायक
1999 - रायगढ़ से सांसद निर्वाचित
2004 - रायगढ़ से दोबारा सांसद
2006- छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष
2009 - तीसरी बार रायगढ़ से सांसद
2011 - दूसरी बार प्रदेशाध्यक्ष
2014 - चौथी बार रायगढ़ से सांसद
2014 से 2019- मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री
2020 से 2022 - तीसरी बार छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष
2022 - बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में विशेष आमंत्रित सदस्य
2023 - राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य
2023 - कुनकुरी विधानसभा से विधायक, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री