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SPECIAL: कोरोनाकाल में प्रदूषण साबित हो सकता है जानलेवा, दीपावली पर पटाखे से रहें दूर

छत्तीसगढ़ सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध न लगाते हुए इसकी समय सीमा तय कर दी है. दीपावली के दिन रात 8 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे. राज्य सरकार की तरफ से यह फैसला कोरोना संक्रमण और वायु प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के दिशा निर्देशों के बाद लिया गया है. पेश है ETV भारत की विशेष रिपोर्ट

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पटाखाों के प्रदूषण से बीमारी का खतरा बढ़ा

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Published : Nov 10, 2020, 9:48 PM IST

रायपुर:पूरे देश में कोरोना का कहर लगातार जारी है. वहीं बात की जाए छत्तीसगढ़ की तो अभी भी कोरोना के रफ्तार पर लगाम नहीं लग पाई है. प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा दो लाख के पार हो गया है. इस बार दीपावली के साथ कोरोना वायरस भी मौजूद है. ऐसे में पटाखों से निकलने वाला धुआं करोना के लक्षण वाले मरीजों के लिए घातक साबित हो सकता है.

पटाखाों के प्रदूषण से बीमारी का खतरा बढ़ा


दिल्ली, राजस्थान समेत कई राज्यों ने पटाखों की बिक्री को लेकर प्रतिबंध लगाया है. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध न लगाते हुए इसकी समय सीमा तय कर दी है. दीपावली के दिन रात 8 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे. राज्य सरकार की तरफ से यह फैसला कोरोना संक्रमण और वायु प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के दिशा निर्देशों के बाद लिया गया है. नियमों का पालन हो सके, इसलिए संबंधित अधिकारियों को भी आदेश जारी कर दिया गया है. राज्य के मुख्य सचिव की ओर से जारी निर्देशों के तहत.

  • जिन शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति ना हो वहां पटाखों को फोड़ा जा सकेगा.
  • दीपावली, छठ, नए साल, क्रिसमस पर पटाखों को फोड़ने की अवधि भी दो घंटे ही निर्धारित की गई है.
  • इस बार लड़ियों की बिक्री, उपयोग और बनाने को भी प्रतिबंधित किया गया है.
  • साथ ही पटाखों के ऐसे निर्माताओं का लायसेंस भी रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं.
  • जो पटाखों में लिथीयम, आर्सेनिक, एन्टिमनी, लेड और मर्करी का प्रयोग करते हैं.
  • इसके अलावा इस बार ऑनलाइन पटाखों के मांगने पर भी रोक लगाई गई है.
  • दीपावली की रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़ सकेंगे.
  • छठ पूजा के दिन सुबह 6 बजे से सुबह 8 बजे तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे.
  • गुरु नानक जयंती के दिन रात 8 से 10 तक पटाखे फोड़े जा सकेंगे.
  • नए साल के दिन रात 11:55 से 12:30 तक ही पटाखे फोड़ सकेंगे.

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पटाखों से एलर्जी और अस्थमा के मरीज बढ़ेंगे

पटाखे के धुएं से होने वाले नुकसान को लेकर हमने चिकित्सक डॉ. राकेश गुप्ता से बात की. उन्होंने बताया कि दीपावली के दौरान ठंड के समय पटाखों के इस्तेमाल करने से प्रदूषण बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के बीच पहले से जो एलर्जी और अस्थमा के मरीज हैं या जिन्हें पहले से बीमारी है ऐसे मरीजों में संक्रमण बढ़ने की संभावना है. इन दिनों जिस तरह लोग सोशल डिस्टेंसिंग और नियमों के पालन में लोग लापरवाही बरत रहे हैं. बाजारों में भीड़ है, मास्क का कम लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. उससे कोरोना का दूसरा पीक दिसंबर के दूसरे सप्ताह के आसपास आ सकता है. उन्होंने बताया कि पटाखों के इस्तेमाल से गंभीर मरीजों को बहुत नुकसान हो सकता है. छत्तीसगढ़ में कोरोना मृत्यु दर पहले से अच्छी नहीं है. वह बढ़ सकती है. डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि पिछले दिनों हम कठिन परिस्थिति से गुजरे हैं, वापस ऐसी स्थिति ना आए, इसे लेकर सभी को नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा और इस दिवाली पटाखे ना जलाकर दिये जलाएं. परिवार के साथ दिवाली मनाएं तो ज्यादा अच्छा होगा.

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गाइडलाइन का होगा पूरा पालन
रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने इस मामले पर कहा कि एम्स की गाइडलाइन को भी ध्यान में रखा गया है कि कितने डेंसिटी तक के पटाखे फोड़े जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पटाखे पर प्रतिबंध लगाने की बात नहीं कही है. जिन शहरों में कोरोना संक्रमण के मरीजों की तादाद ज्यादा है, वहां के मरीजों पर इसका क्या असर होगा इन सब चीजों को ध्यान रखा जाएगा.

पटाखा व्यवसायी सरकार के फैसले के साथ

छत्तीसगढ़ पटाखा व्यापारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष इस्माइल का कहना है कि त्योहारों के मद्देनजर पटाखों के धुएं से नुकसान तो होता ही है.वहीं पटाखा जलाना ना पहले फायदे वाला था और ना अब फायदे वाला है. लेकिन लोगों की आस्था और खुशी का माहौल भी है. उन्होंने कहा कि लोग समय को देखते हुए कम पटाखे जलाए और नियमों का पालन करें.

पटाखे को लेकर लोग जागरूक

पटाखा खरीदने पहुंच रहे लोगों का कहना है कि बाजार में वे नियमों का पालन करते हुए खरीददारी करने पहुंचे है. कोरोना संक्रमण से बचते हुए पटाखों का इस्तेमाल करना चाहिए. खासतौर पर बुजुर्ग लोगों को परेशानी हो सकती है. वहीं ग्राहकों ने बताया कि कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पटाखे का कम उपयोग करना चाहिए.

पटाखों से होने वाले प्रदूषण से जहां संक्रमित मरीजों के लिए नुकसानदायक है. लोगों की लापरवाही के चलते कहीं स्थिति और भी भयावह न बन जाए. हालांकि सरकार को पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना चाहिए था. लेकिन अब जब समय सीमा और दूसरी पाबंदियां तय कर दी गई हैं. ऐसे में नियमों का पालन करते हुए लोग अपने साथ साथ दूसरों का भी ध्यान रखें. जिससे सभी स्वस्थ रहें और वातावरण भी प्रदूषित न हो.

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