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fake degrees in pharmacy council : फर्जी फार्मेसी डिग्री गैंग का खुलासा, 28 लोगों के खिलाफ FIR, 9 आरोपी गिरफ्तार

रायपुर की तेलीबांधा पुलिस ने प्रदेश के ऐसे 28 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है जिन्होंने फर्जी तरीके से फार्मेसी की डिग्री हासिल की थी. इन लोगों की डिग्रियों का खुलासा तब हुआ जब इन्होंने फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया था. पुलिस ने पूछताछ के बाद 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

pharmacy council of chhattisgarh
फर्जी फार्मेसी डिग्री गैंग का खुलासा

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Published : Mar 1, 2023, 4:48 PM IST

Updated : Mar 1, 2023, 11:26 PM IST

फर्जी फार्मेसी डिग्री गैंग में 9 आरोपी गिरफ्तार

रायपुर : राजधानी के तेलीबांधा में रजिस्ट्रार फार्मासिस्ट काउंसिल ने 28 लोगों के खिलाफ मंगलवार की रात एफआईआर दर्ज कराई है. ये वो लोग हैं जो अपने आप को फार्मासिस्ट काउंसिल के फर्जी दस्तावेज के आधार पर खुद को फार्मासिस्ट बताते हैं. तेलीबांधा पुलिस इस पूरे मामले में 28 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की. फिर पूछताछ के बाद पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

19 आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी: इस केस में 19 लोगों की गिरफ्तारी होनी बाकी है. छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल रायपुर से इन आरोपियों ने फर्जी तरीके से लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदन किया था. इस बात का खुलासा छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल रायपुर की जांच के बाद हुआ है. जिसके बाद तेलीबांधा थाने में 28 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. 9 लोगों को बुधवार को तेलीबांधा पुलिस ने गिरफ्तार किया. कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर पुलिस आगे की जांच में जुटी है.



कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा :तेलीबांधा थाना प्रभारी उमेंद्र टंडन ने बताया कि "सभी फर्जी फार्मासिस्ट के पास अन्य राज्यों की फार्मेसी कॉलेज की डिग्री मौजूद है, और इन्हीं फर्जी डिग्रियों के आधार पर उन लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए काउंसिल में आवेदन दिया था. इसमें बड़ी संख्या में प्रदेश के कई जिलों में रहने वाले कथित फार्मासिस्ट भी शामिल हैं."

लाइसेंस किराये पर देकर कमा रहे हैं लाखों :ऐसा बताया जा रहा है कि लोग रजिस्ट्रेशन के बाद मेडिकल दुकानों में लाइसेंस बेच देते हैं. इसके एवज में उन्हें मोटी रकम मिलती है. मेडिकल स्टोर का लाइसेंस देने के लिए ड्रग इंस्पेक्टरों और अधिकारियों की सेटिंग से ऐसे लोग अपना लाइसेंस किराए पर देते हैं, जिससे सालाना बिना किसी मेहनत के इनके हाथ मोटी रकम लगती है. वहीं इस पूरे मामले में और भी कई चौंकाने वाले खुलासा होने की संभावनाएं जताई जा रही है.

इन राज्यों से जुड़े तार:छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल रायपुर की जांच में सनराइज यूनिवर्सिटी बैगाड़ राजपुर राजस्थान से रमाकांत निषाद, शीतल कुमार महार, संजय कुशवाहा, सूरज कुमार अग्रवाल के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए. इसके अलावा ओपीजेएस यूनिवर्सिटी चूरू राजस्थान से चंद्रेश कुमार साहू, डामेश्वर कुमार साहू की डिग्री फर्जी निकली. जांच करने पर श्रीधर यूनिवर्सिटी पिलानी राजस्थान से रविंद्र कुमार साहू. स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी सागर मध्य प्रदेश से हेमलाल धीवर के फार्मेसी डिप्लोमा और डिग्री फर्जी पाए गए. उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल लखनऊ से रविंद्र कुमार के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए.

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ये आरोपी हुए गिरफ्तार :28 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया है गया है. पकड़े गए आरोपियों में रविंद्र कुमार साहू जांजगीर-चांपा जिले का निवासी है. रामेश्वर साहू जिला बलौदाबाजार का रहने वाला है. डामेश्वर कुमार साहू जिला राजनांदगांव में रहता है. संजय कुशवाहा जिला दुर्ग का वासी है. खेमलाल धीवर जिला रायपुर का रहने वाला है. रमाकांत निषाद जिला बलौदा बाजार से है. चंद्रेश साहू जिला राजनांदगांव का रहने वाला है. सूरज अग्रवाल जिला महासमुंद का स्थानीय निवासी है. शीतल कुमार जिला दुर्ग का रहने वाला है. सभी आरिपियों को पुलिस कोर्ट में पेश करेगी.

Last Updated : Mar 1, 2023, 11:26 PM IST

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