रायपुर:कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की मार लगभग हर क्षेत्र पर पड़ी है. एजुकेशन सेक्टर ऐसा प्रभावित हुआ कि अब तक उबर (Effect of lockdown and corona on private school) भी नहीं पा रहा है. देशभर में यही स्थिति बनी हुई है. पिछले डेढ़ सालों से छत्तीसगढ़ के स्कूल भी ठीक से नहीं चल पा रहे हैं. बच्चों की फीस के सहारे चलने वाले प्राइवेट स्कूलों (Financial crisis of private schools) के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. टीचर्स का कहना है कि बच्चों की शिक्षा का स्तर भी काफी खराब हुआ है.
कई स्कूलों में लगा ताला, कई में लगाने की तैयारी
पिछले दिनों सीएम भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) के गृह जिले में लगभग 46 निजी स्कूलों ने स्कूल बंद करने का आवेदन (school closure application) शिक्षा विभाग में दिया था. यहीं स्थिति रायपुर के भी कई प्राइवेट स्कूलों की है. रायपुर जिले के 37 स्कूलों ने सरकार के पास लिखित में स्कूल बंद करने की जानकारी दी है. वहीं 80 से 100 ऐसे स्कूल हैं जिन्होंने लिखित में कोई जानकारी नहीं दी है लेकिन बंद हो गए हैं. पूरे प्रदेश की बात की जाए तो 700 से एक हजार के करीब विद्यालय बंद हो गए हैं या बंद होने की स्थिति में है.
ETV भारत ने प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों से बात की और जानने की कोशिश की कि उन्हें स्कूल चलाने में किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
'वित्तीय समस्या के साथ ही बच्चों पर पड़ रहा असर'
प्ले होम हाइट्स प्राइवेट स्कूल की प्रिंसिपल शिवानी ने बताया कि स्कूल में वित्तीय समस्या है. सिर्फ ट्यूशन के जरिए पूरा स्कूल मैनेज करना काफी मुश्किल हो रहा है. बिल्डिंग की किस्त देनी पड़ रही है, बस की किश्त देनी पड़ रही है. ट्यूशन फीस से सिर्फ टीचर्स को सैलरी देने की बात की जा रही है. लेकिन स्कूल में दूसरे कर्मचारी भी हैं. ड्राइवर हैं, क्लीनर हैं, उन्हें भी वेतन देना पड़ रहा है.
प्रिंसिपल शिवानी ने कहा कि बच्चों से संबंधित बहुत बड़ी समस्या आ रही है. बच्चों को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है. बच्चा ठीक से बोल नहीं पा रहा है. वायवा नहीं दे पा रहा है. बच्चे लिख नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरी एक पीढ़ी कमजोर हो गई है.
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'स्कूल बंद करने के अलावा भी सोचे सरकार'
शासन पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि क्रिकेट मैच हो रहा है. शराब की दुकानें खुली हुई हैं. रैली की जा रही है. इससे कोरोना संक्रमण नहीं फैल रहा है. लेकिन स्कूल खोलते समय कोरोना संक्रमण का डर दिखाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शासन को लॉकडाउन में स्कूल बंद करने का दूसरा विकल्प ढूंढना चाहिए.