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नई नीति से छत्तीसगढ़ फिल्म उद्योग को मिलेगा नया मुकाम, फील्ड से जुड़े लोगों ने किया स्वागत - Film industry and artists welcomed new film policy in Chhattisgarh

भूपेश कैबिनेट ने नई फिल्म नीति को हरी झंडी दिखा दी है. जिसके बाद इस उद्योग से जुड़े लोगों और स्थानीय कलाकारों ने इस फैसले का स्वागत किया है. वहीं निर्णय पर लोगों का कहना है कि यह फैसला छत्तीसगढ़ के विकास लिए एक अहम बदलाव साबित होने वाला है.

Chhattisgarh film industry
नई फिल्म नीति

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Published : Sep 9, 2021, 9:48 PM IST

रायपुर: आखिरकार लंबे इंतजार के बाद फिल्म उद्योग (film industry) से जुड़े लोगों की छत्तीसगढ़ फिल्म नीति की मांग (demand for chhattisgarh film policy) को भूपेश सरकार ने मान लिया है. छत्तीसगढ़ फिल्म नीति को भूपेश कैबिनेट (Bhupesh Cabinet) की मंजूरी मिल गई है. इसे मंजूरी मिलने के बाद अब इस फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों ने राहत की सांस ली है. सभी ने एक स्वर में इस नीति को मंजूरी मिलने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत (Culture Minister Amarjit Bhagat) को बधाई दी है. लेकिन इस दौरान उनका यह भी कहना है कि यह फिल्म नीति सिर्फ कागजों तक सिमट कर ना रह जाए, इसका क्रियान्वयन सही तरीके से होना चाहिए. तभी यह फिल्म नीति कारगर साबित होगी और इसका लाभ छत्तीसगढ़ के कलाकार सहित फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों को मिलेगा.

इस नई फिल्म नीति के तहत छत्तीसगढ़ में फिल्म धारावाहिक बनाने से लेकर सिनेमाघर खोलने तक सरकार भारी भरकम सब्सिडी देगी. भूपेश सरकार के द्वारा सात राज्यों की फिल्म नीतियों का अध्ययन किया गया और उसके बाद छत्तीसगढ़ फिल्म नीति (chhattisgarh film policy) बनाई गई है. संभावना जताई जा रही है कि इस नीति के बनने के बाद अब प्रदेश में फिल्म निर्माण के लिए निर्माता निर्देशक रुचि दिखाएंगे, साथ ही यहां के कलाकारों को एक नया आयाम मिलेगा. उन्हें रोजगार मिलेगा उन्हें अपनी कला प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा.

नई नीति से छत्तीसगढ़ फिल्म उद्योग को मिलेगा नया मुकाम

जानकारी के मुताबिक नई फिल्म नीति में अगर किसी ओटीटी फिल्म (OTT film) को 75% शूटिंग छत्तीसगढ़ में होती है, तो सरकार ने इसके लिए एक करोड़ रुपए की सब्सिडी (One crore subsidy) देने की योजना बनाई है. वहीं फिल्म निर्माण में राज्य के कलाकारों को मौका देने पर 25 लाख रुपए देगी.

छत्तीसगढ़ में शूटिंग के लिए मिलेगी सब्सिडी

नई फिल्म नीति (new film policy) बनने के बाद सरकार द्वारा भारी भरकम सब्सिडी दिए जाने का ऐलान किया गया है. जिसके तहत छत्तीसगढ़ी फिल्मों को 33% सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाएगी. इसी प्रकार गैर भाषीय फिल्मों (non lingual films) के लिए सरकार 25% की सब्सिडी देगी बॉलीवुड, हॉलीवुड की फिल्मों (hollywood movies) के लिए भी राज्य सरकार के द्वारा 25% की सब्सिडी दी जाएगी. इसके अलावा टीवी-धारावाहिक के लिए 50 लाख तक की सब्सिडी दिए जाने की योजना है. उदाहरण के तौर पर यदि किसी फिल्म को बनाने के लिए एक करोड़ रुपए खर्च होते हैं तो उसका 33% यानी 33 लाख राज्य सरकार (State government) वहन करेगी.

इस फिल्म नीति से कहीं ना कहीं सिनेमाघरों के पुनर्जीवित होने की भी संभावना है. छत्तीसगढ़ में कोरोना काल में सिंगल स्क्रीन, सिनेमा हॉल लगभग बंद हो चुके हैं, लेकिन सरकार के इस निर्णय के बाद वे पुनः जीवित हो सकते हैं, इसी तरह नए सिंगल स्क्रीन, सिनेमा हॉल खोलने के लिए 15 लाख ओर मल्टीप्लेक्स के लिए 50 लाख रुपए सहायता देने का प्रावधान है, पुराने बंद पड़े सिनेमा हॉल को रिनोवेट करने के लिए 10 लाख की सब्सिडी मिलेगी. संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संचालक विवेक आचार्य की मानें तो राज्य में पहली बार फिल्म सिटी (film city) और ऑन पेपर स्वीकृति दी है. जगह का चयन निर्माण भी प्लानिंग में है.

छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माता-निर्देशक (Chhattisgarhi Film Producer-Director) मनोज वर्मा ने इस नई फिल्म नीति का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि 21 साल बाद ही सही लेकिन सरकार ने आज फिल्म उद्योग और उससे जुड़े कलाकारों की सुध ली है. इसके लिए उन्होंने सरकार को बधाई दी है. उनका कहना है कि जिस तरह से सरकार के द्वारा यह नीति बनाई गई है. इसका लाभ आने वाले समय में प्रदेश ने फिल्म जगत से जुड़े लोगों और कलाकारों को मिलेगा.

इतना ही नहीं इस नीति से छत्तीसगढ़ में फ़िल्म से जुड़े सभी वर्ग लाभान्वित होगा. उसमें फिल्म से जुड़े टेक्नीशियन, कैमरामैन, स्टूडियो और अन्य वर्ग जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है. मनोज वर्मा ने बताया कि इस फिल्म नीति के लागू होने के बाद कहीं ना कहीं इन सभी के मानदेय में भी काफी बढ़ोतरी होगी, जो वर्तमान में नाम मात्र की है.

मनोज वर्मा ने आगे बताया कि नीति बनाने के पहले सरकार ने न सिर्फ छत्तीसगढ़ के निर्माता-निर्देशक और फिल्म जगत से जुड़े लोगों से चर्चा की बल्कि अन्य राज्यों की फिल्म नीति का अध्ययन (Study of Film Policy of States) किया है. यही कारण है कि सभी राज्यों की फिल्म नीति के अध्ययन का सार छत्तीसगढ़ फिल्म नीति में देखने को मिल सकता है. इससे छत्तीसगढ़ में फिल्म उद्योग को एक बेहतर आयाम मिलेगा. मनोज वर्मा ने संभावना जताई है कि इस नीति के लागू होने के बाद हिंदी फिल्म सहित धारावाहिक बनाने वाले निर्माता-निर्देशक भी छत्तीसगढ़ की ओर रुख करेंगे.

छत्तीसगढ़ी फिल्म (chhattisgarhi movie) के कलाकारों ने भी फिल्म नीति के लागू होने से खुशी जाहिर की है. कलाकार मनमोहन ठाकुर ने कहा कि इस नीति के लागू होने के बाद फिल्म उद्योग तेजी से आगे बढ़ेगा. यहां के कलाकारों को लाभ मिलेगा. लेकिन इस दौरान उन्होंने यह भी आशंका जाहिर की है कि इस फिल्म नीति का क्रियान्वयन सही तरीके से किया जाए.

अन्य योजनाओं की तरह कहीं फिल्म नीति लागू होने के बाद ऐसा ना हो कि इसका लाभ संबंधित लोगों को न मिलकर अन्य लोगों को मिलने लगे. ऐसे में इस फिल्म नीति के लागू करने के बाद इसकी पूरी मॉनिटरिंग की व्यवस्था, मुख्यमंत्री और संस्कृति मंत्री को करनी होगी. तभी एक बेहतर फिल्म नीति होगी और उसका लाभ सीधे फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों को मिलेगा. नहीं तो यह नीति भी कागजों तक ही सिमट कर रह जाएगी.

स्थानीय कलाकार (local artist) ने कहा कि इससे हम बाकी फिल्मों के बारे में जानेंगे. बाहर के लोग हमारी फिल्मों से जुड़ी जानकारी लेंगे. इससे फ़िल्म संबंधित बातों का आदान-प्रदान होगा इस दौरान उन्होंने प्रादेशिक फिल्म फेस्टिवल के जाने के लिए मांग की. जिससे यहां की फिल्मों को एक बेहतर मुकाम और इस फ़िल्म उद्योग से जुड़े लोगों को प्रोत्साहन मिल सके.

बहरहाल सभी ने इस फिल्म नीति का स्वागत किया है. लेकिन अब देखने वाली बात है कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाई गई यह फिल्म नीति यहां के फिल्म उद्योग और उससे जुड़े लोगों को कितना लाभ पहुंचा पाती है.

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