रायपुर:रोहिणी नक्षत्र आयुष्मान योग बालव और कौलव करण वृषभ राशि कि चंद्रमा में बुधवार के दिन श्री राम राज्य उत्सव सर्वार्थ सिद्धि योग रवि योग अहोरात्र की बेला में नव दुर्गा माता की स्कंदमाता स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाएगी. मां दुर्गा पांचवे दिन स्कंदमाता के रूप में जानी जाती है. स्कंदमाता कार्तिकेय की माता मानी जाती है. स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं. माता का वाहन सिंह माना गया है. असुरों के अत्याचारों को रोकने के लिए माता ने सिंह पर सवार होकर समस्त असुरों का संहार किया था. आपके हाथ में तलवार कमल पुष्प और अभय मुद्रा है. अभय मुद्रा के माध्यम से समस्त भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं.
इस दिन विद्या अध्ययन करने के लिए बहुत शुभ माना गया है. संगीत के साधक योग के साधकों के लिए आज का दिन विशेष महत्व रखता है. इस दिन कमल पुष्प से माता की पूजा-आराधना और साधना करनी चाहिए. इस शुभ दिन गंगा के जल गोमूत्र से स्थान को साफ कर स्कंदमाता की स्थापना की जाती है. ऐसा माना गया है कि कालिदास के द्वारा लिखे गए रघुवंश रचना में स्कंदमाता का ही आशीर्वाद रहा. तब यह महाग्रंथ पूर्ण हो पाया. स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. माता का वर्ण शुभ है. स्कंदमाता वात्सल्य की देवी मानी गई है.