रायपुर:शुक्रवारको सावन का प्रदोष व्रत पड़ रहा है. सावन में आने वाले इस प्रदोष व्रत को आखेटक त्रयोदशी भी कहते हैं. उत्कल प्रांत में शिव पवित्रा रोपण के नाम से भी इसे मनाया जाता है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग का शुभ मुहूर्त पड़ रहा है. प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त शाम 5:13 से 7:38 तक रहेगा. उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र और मकर राशि का चंद्रमा सावन शुक्ल की प्रदोष तिथि को गौरव प्रदान कर रहा है. इस दिन नामकरण, अन्नप्राशन, दोलारोहण, नवरत्न धारण करना, लता, पौधरोपण के लिए बहुत ही शुभ माना गया है.
योग गुरू विनीत शर्मा ने बताया कि प्रदोष काल का समय शाम 5:13 से शाम 7:38 बजे तक विशेष मुहूर्त का है. गोधूलि बेला में प्रदोष काल का पूजन करना बहुत ही शुभ माना गया है. ऐसी मान्यता है कि इस काल में भगवान शंकर कैलाश पर्वत में नृत्य करते है. इस दिन प्रातः सुबह उठकर स्नान ध्यान करके भगवान शिव को सफेद या गुलाबी वस्त्र में पूजन करना उत्तम माना गया है. शिवालय में जाकर धतूरा, आक, शमी पत्र और बेल पत्र के माध्यम से रुद्र का अभिषेक करना चाहिए. दूध, दही, पंचामृत, गंगाजल अष्ट चंदन, गोपी चंदन, कबीर, गुलाल, सिंदूर, मल्याचल चंदन आदि से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं. इस पर्व पर श्वेत, अक्षत, सफेद, फूल, भगवान शिव को चढ़ाए जाने पर वह भक्तों के ऊपर बहुत प्रसन्न होते हैं.