रायपुर:छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कोरोना संक्रमण लगातार बेकाबू होता जा रहा है. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में रोजाना मिलने वाले संक्रमितों की संख्या औसतन 200 से अधिक है. तो वहीं राजधानी रायपुर में यह आंकड़ा हजार के पार हो गया है. राज्य में जिस तेज गति से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. उसकी वजह से प्रशासन सकते में है. कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए प्रशासन ने कई जिलों में धारा 144, तो कुछ जिलों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. इस विषय में ईटीवी भारत ने तीसरी लहर को रोकने को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों का जायजा लिया. ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग पहले से कोरोना संक्रमण को लेकर सतर्क हैं.
रायपुर ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में भीड़ और मेले पर लगा प्रतिबंध
पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर सुनामी बनकर आई थी. शहरी दहलीज को लांघकर कोरोना ने ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर कोहराम मचाया था. तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही अलर्ट जारी कर दिया गया है. कई ग्राम पंचायतों ने साप्ताहिक बाजार को बंद कर दिया है. तो कुछ ग्राम पंचायत कड़े निर्णय लेने की तैयारी में है. कुछ जगहों में जनवरी माह में होने वाले मड़ई मेले पर प्रतिबंध लगा दिया है. इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कोटवार के माध्यम से लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की हिदायत दी जा रही है.
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मास्क लगाने की अपील
ईटीवी भारत की टीम सबसे पहले राजधानी रायपुर से 15 किलोमीटर दूर ग्राम रवेली पहुंची. गांव के सरपंच चंद्रकांत सोनकर ने बताया कि ग्राम पंचायत के माध्यम से गांव में मुनादी कराई जा रही है. चूंकि हमारे गांव में इससे पहले 30 संक्रमित मरीज मिले थे. जिसमें 4 की मौत हो गई थी. तीसरी लहर को देखते हुए हमने तमाम धार्मिक, सांस्कृतिक और मड़ई मेले पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ-साथ आंगनबाड़ी, मितानिन और स्वास्थ्य विभाग की टीम के माध्यम से घर-घर जाकर लोगों को मास्क लगाने और शारीरिक दूरी का पालन करने की अपील कर रहे हैं.सप्ताहिक बाजार को लेकर भी ग्राम पंचायत स्तर पर बैठक की जाएगी और उसे भी बंद करने पर मुहर लगाया जाएगा.