छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

रायपुर: फेल हो रहा रोका-छेका अभियान, सड़कों पर मवेशी होने से हादसे का खतरा

छत्तीसगढ़ सरकार ने आवारा पशुओं के लिए रोका-छेका अभियान की शुरुआत की थी, लेकिन रायपुर में यह अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है. मवेशी सड़कों पर बैठे रहते हैं, जिससे हादसों की आशंका बनी रहती है.

passengers-disturbed-by-stray-animals-sitting-on-streets-in-raipur
हो रही रोका-छेका अभियान

By

Published : Jul 24, 2020, 12:26 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बारी के तहत आवारा पशुओं के लिए रोका-छेका अभियान की शुरुआत की गई थी, लेकिन रायपुर में यह अभियान दम तोड़ती नजर आ रहा है. जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से आवारा पशु सड़कों पर बैठे नजर आ रहे हैं. ऐसे में राहगीरों को हादसे का खतरा है.

राहगीरों का आरोप है कि यहां के जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार रोका-छेका अभियान पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिसके कारण आवारा पशु दिन भर सड़कों और खेतों में घूमते दिख रहे हैं. जबकि पंचायत स्तर पर सभी जनप्रतिनिधियों को बुलाकर बैठक में रोका-छेका के बारे में जानकारी दी गई है. बावजूद इसके कोई जिम्मेदार इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे सड़कों पर हादसे होने की आशंका बनी रहती है.

जिम्मेदार अभियान पर पलीता लगा रहे

राहगीरों के साथ स्थानीय लोगों का कहना है कि आवारा पशुओं को लेकर रोका छेका कार्यक्रम चलाया जा रहा है, ताकि सड़क पर बैठे आवारा पशुओं पर लगाम लगाई जा सके. इसके साथ ही किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके, लेकिन जिम्मेदार अभियान पर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. इससे हमेशा हादसे का खतरा बना रहता है.

फेल हो रही रोका-छेका अभियान

बता दें, 19 जून को पूरे छत्तीसगढ़ में रोका-छेका संकल्प योजना की शुरुआत हुई थी, लेकिन कई जिलों में यह संकल्प सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही. छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाओं की शुरुआत करती आई है. इसमें से नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी जैसी योजना सरकार ने सत्ता में आते ही शुरू की थी, लेकिन घरातल पर ये तमाम योजनाएं जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण फेल होती दिख रही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details