रायपुर: (Raipur crime news) छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का प्रदर्शन स्थल भी अब सुरक्षित नहीं रहा (Raipur crime news). मंगलवार रात को छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ असामाजिक तत्वों ने बदसलूकी की. एक कर्मचारी को जान से मारने की धमकी दी गई. इसके साथ ही धरना स्थल पर चाकूबाजी की वारदात देखने को मिली. प्रदर्शन कर रहा कर्मचारी बाल बाल बचा. उसे हल्की चोटें आई है.(knife pelting incident in Raipur)
रायपुर का धरना स्थल असुरक्षित रसोइया संघ की महिला कर्मचारी पर हमला: मंगलवार को रायपुर के स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास एक महिला कर्मचारी के साथ गाली गलौज की घटना हुई. यहां महिला कर्मचारी को जान से मारने की कोशिश भी हुई. अज्ञात बदमाशों ने रसोइया संघ की महिला कर्मचारी नीलू ओगरे को चाकू मारने की कोशिश की. बीच बचाव करने गए उसके साथ कर्मचारी को चाकू से हल्की खरोच आई है. जिसके बाद मामले की शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज की गई है. पुलिस पूरे केस की जांच में जुट गई है.
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों में खौफ: प्रदर्शन कर रही महिला रसोइया कृष्णा गौर ने बताया कि "मंगलवार की रात स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास रात में खाना खाने के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने उन्हें परेशान किया. अज्ञात बदमाशों ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर महिलाओं के साथ गाली गलौज करने के साथ ही चाकू से हमला करने की कोशिश भी की. जिसके बाद से प्रदर्शन कर रही महिलाओं में डर और खौफ का माहौल देखने को मिला. घटना के बाद से प्रदर्शन कर रही महिलाएं काफी डरी और सहमी हुई है"
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कर्मचारी पर चाकू से हमला: छत्तीसगढ़ी स्कूल रसोइया संघ की प्रांतीय संयोजक नीलू ओगरे ने बताया कि "मंगलवार की रात खाना खाने के दौरान दूसरे गुट का एक व्यक्ति आकर महिलाओं के साथ वाद विवाद करने लगा. जिसके बाद चाकू निकालकर हमला करने की कोशिश भी की गई जिसमें इनके एक साथी को हल्की सी खरोच आई है. पीड़ित महिला नीलू ओगरे इस घटना के बाद से काफी डरी और सहमी हुई है .अब उसे सिर्फ और सिर्फ अपनी जान की पड़ी हुई है. रोते हुए उन्होंने अपना दुख दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि उनके दो बच्चे हैं और बच्चों को छोड़कर रायपुर प्रदर्शन करने पहुंची है. सरकार के द्वारा स्कूल में खाना बनाने वाले रसोइया का वेतन मात्र 1500 रुपए है. ऐसे में अपना और अपने बच्चों का पेट कैसे पालेंगे इस बात की चिंता भी उन्हें अब सताने लगी है और अब अपनी जान की सुरक्षा चाहती हैं"
कर्मचारियों ने सरकार पर लगाया आंदोलन कुचलने का आरोप:छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले ने बताया कि "मुख्यमंत्री निवास घेराव का कार्यक्रम सोमवार से आयोजित किया जा रहा है. जो आज तीसरे दिन भी अनवरत जारी है. मंगलवार की रात खाना खाने के दौरान असामाजिक तत्वों के द्वारा उन्हें डराया धमकाया जा रहा है और उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिल रही है. रवि गढ़पाले का कहना है कि सरकार के द्वारा हमारे आंदोलन को कुचलने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा है."
रायपुर कोतवाली पुलिस कार्रवाई में जुटी:मंगलवार की रात स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास प्रदर्शनकारियों के साथ हुई घटना के मामले में कोतवाली थाना प्रभारी उमेंद्र टंडन ने बताया कि "4 अज्ञात बदमाशों के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई है. इसकी जांच की जा रही है और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. जिसके बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज कर बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात पुलिस कर रही है."
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अनियमित कर्मचारी महासंघ की हड़ताल में 48 संगठन शामिल: बीते एक सितंबर सेछत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले 48 संगठनों के लोग अपनी मांगों को लेकर राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 5 सितंबर शिक्षक दिवस सोमवार के दिन छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ रैली निकालकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे थे. जिसे रास्ते में पुलिस ने स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास रोक दिया जिसके बाद प्रदर्शनकारी मंगलवार को सुबह 11:00 बजे फिर एक बार मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले थे जो बुधवार को भी उसी जगह पर बैठकर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.
छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारियों की संख्या लगभग 1 लाख 80 हजार:राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर गुरुवार से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदेशभर के अनियमित कर्मचारी अपनी 4 सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. अनियमित कर्मचारियों की संख्या करीब 1 लाख 80 हजार है.
अनियमित कर्मचारियों की 4 सूत्रीय मांगें
- समस्त अनियमित कर्मचारी अधिकारियों को नियमित किया जाए
- पिछले कुछ सालों में निकाले और छटनी किए गए अनियमित कर्मचारियों को दोबारा बहाल किया जाए और छटनी पर रोक लगाई जाए
- शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा को पूरी तरह समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जाए
- अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालिक किया जाए