रायपुर: किसानों ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ (agricultural law) अपने आंदोलन को और मजबूत करने के लिए सोमवार यानी 27 सितंबर को भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है. किसानों के इस बंद को विपक्ष का समर्थन मिल रहा है. आरजेडी के बाद कांग्रेस (Congress) ने इस बंद का समर्थन किया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Congress national spokesperson Gaurav Vallabh) ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, 'किसानों के साथ चर्चा की उचित प्रक्रिया शुरू की जाए, क्योंकि वे पिछले 9 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं. तीन कृषि कानून बिना किसी परामर्श के लागू किए गए थे, उन्हें वापस लिया जाना चाहिए." इधर छत्तीसगढ़ में भी इस विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस ने समर्थन दिया है.
किसानों का 27 सितंबर को भारत बंद 28 सितंबर को किसान महापंचायत
किसानों के बंद के अगले दिन 28 सितंबर को छत्तीसगढ़ में किसान महापंचायत बुलाई गई है. इस महापंचायत को बघेल सरकार ने अपना समर्थन दिया है. सरकार के समर्थन से किसान संगठन काफी खुश हैं. किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) 28 सितंबर को राजिम में रखी गई है. इस दिन भगत सिंह की 125वीं जयंती (125th birth anniversary of Bhagat Singh) है. छत्तीसगढ़ के महान मजदूर नेता कॉमरेड शंकर गुहा नियोगी ( Shankar Guha Niyogi) की 31वीं शहादत दिवस भी इसी दिन पड़ रही है. इस दिन छत्तीसगढ़ में राज्य स्तरीय किसान महापंचायत (State Level Kisan Mahapanchayat) में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait), डॉ. दर्शन पाल सिंह कुशवाहा, योगेंद्र यादव, मेघा पाटकर (Megha Patkar) और डॉक्टर सुनील सहित कई किसान संगठन के बड़े नेता शामिल होंगे.
तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष इस मामले को लेकर राज्य सरकार को घेरती नजर आ रही है. विपक्ष का साफ तौर पर कहना है कि किसान महापंचायत से पहले सरकार को, छत्तीसगढ़ के किसानों की स्थिति पर भी गौर करना चाहिए.