रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस साल धान खरीदी ने किसानों को रुला लिया है. पहले समर्थन मूल्य के वादे पर इंतजार हाथ आया फिर बढ़ी खरीदी की तारीख. प्रशासन की कार्रवाई ने भी किसानों को बहुत परेशान किया तो रही-सही कसर मौसम ने पूरी की. अब कहीं असुविधा, कहीं बदइंतजामी, कहीं केंद्रों में ताला तो कहीं लापरवाही अन्नदाताओं का सब्र तोड़ रही है.
प्रदेश के लगभग हर जिले से ऐसी ही खबरें आई हैं. तखतपुर जिला सहकारी बैंक के पोंडिकला धान खरीदी केंद्र से आई खबर ने दुखी कर दिया. यहां बेमौसम हुई बारिश से अपना धान बचाते-बचाते एक किसान ने दम तोड़ दिया. रामाधार साहू खरीदी केंद्र में रखे धान को बारिश से बचाने के लिए पॉलीथिन से ढक रहा था इसी बीच बेहोश होकर गिर पड़ा, जब तक परिवारवाले उसे लेकर हॉस्पिटल पहुंचे, उसकी जान जा चुकी थी.
बारिश से परेशान
वहीं बेमेतरा में भारी बारिश की वजह से बुधवार को खरीदी केंद्रों में रखा धान पूरी तरह भीग गया. अधिकारी और कर्मचारी केंद्रों में फैली अव्यवस्था से बेहद नाराज हैं. बरसात की वजह से जांजगीर-चांपा में भी किसान खरीदी केंद्रों तक अपना धान लाने के लिए जद्दोजहद करते नजर आए. यही हाल महासमुंद, कसडोल, कवर्धा, कोरबा, जगदलपुर में भी देखने को मिला.
बारिश ने खोली व्यवस्थाओं की पोल
कवर्धा में हुई बेमौसम बारिश ने धान उपार्जन केंद्रों की पोल खोलकर रख दी है. उपार्जन केंद्रों की हजारों क्विंटल धान पानी में भीग गया है, जिससे शासन को लाखों का नुकसान हुआ है. वहीं धान का उठाव और बारदाना सप्लाई नहीं होने के कारण धान खरीदी कुछ दिनों से ठप पड़ी हुई है.
केंद्रों से नहीं हुआ परिवहन
बालोद से 7 जनवरी को खबर आई कि धान संग्रहण केंद्रों में पर्याप्त जगह होने के बावजूद भी अब तक खरीदी केंद्रों से परिवहन नहीं किया गया है. इस वजह से धान खरीदी बंद होने की संभावना जताई जा रही है.
धान खरीदी का न होना भी परेशानी का सबब
7 जनवरी को ही बलौदाबाजार से खबर आई किपवनी धान खरीदी केंद्र में धान खरीदी नहीं हो रही है. जिससे किसान परेशान हैं. किसानों का कहना है कि 'धान खरीदी नहीं होने से उनको एक-एक पैसे के लिए मोहताज होना पड़ रहा है'. किसानों का यह भी कहना है कि 'एक महीने बीत जाने के बाद भी उनको टोकन नहीं मिल पा रहा है'.