रायपुर:दुनिया तेजी से डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ती जा रही है. अब एक क्लिक में आपके मोबाइल पर सारी सुविधाएं आपको आसानी से मिल जाती है. डिजिटलाइजेशन के इस दौर में अब किसान भी अपग्रेड हो रहे हैं. पहले किसान खेतों से सब्जी तोड़ कर मंडियों में अपनी सब्जी बेचा करते थे. अब किसान ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और मार्केटिंग एप्लीकेशन पर शिफ्ट हो रहे हैं. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की वजह से किसानों को फायदा भी हो रहा है. इस बारे में ईटीवी भारत ने कुछ किसानों से बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...
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डोर टू डोर नहीं, ऑनलाइन मार्केटिंग से हो रही मदद:स्व सहायता समूह हैड लक्ष्मी वैष्णव ने बताया "हमारा एक स्व-सहायता समूह है. महिलाएं हमारे यहां पापड़ और अचार बनाती हैं. ऑफलाइन डोर टू डोर जाकर इन सभी चीजों को बेचने में हमें मेहनत काफी लगती है और उतना प्रॉफिट भी नहीं हो पाता है. लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपने प्रोडक्ट को बेचने से हमें कुछ फायदा हो रहा है. पिछले 1 साल से मैं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने प्रोडक्ट को बेच रही हूं. डोर टू डोर जाकर मेहनत करने से यह ज्यादा आसान है. अब हमें लोगों से जुड़ने के लिए डोर टू डोर नहीं जाना पड़ता, बल्कि एक प्लेटफार्म के माध्यम से हम अपने सामान को ज्यादा लोगों तक बेच पाते हैं."
ऑनलाइन मार्केटिंग से किसानों की बदली भाग्य
सीधे बाड़ी से घर पहुंचता है समान:किसान खुशीराम पटेल ने बताया "मैं रायगढ़ से हूं. हमारी जो सबसे बड़ी समस्या थी कि जैसे मैंने 15 डिसमिल में खेती किया. मिर्ची का या किसी भी सब्जी का खेती किया तो जो मिर्ची हमें 15 डिसमिल से निकलती थी, वह काफी कम रहती थी. अब उसको बेचने के लिए हमें दूर मंडियों में या सब्जी बाजारों में जाना पड़ता था, जिसमें हमें काफी मेहनत लगती थी. वहीं मुनाफा काफी कम होता था. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की वजह से अब हमें अपने सामान को बेचने में काफी सहायता हो रही है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हमारा सामान देख कर खुद ग्राहक हमें फोन करते हैं और हमारे बाड़ी या घर आकर सामान को ले जाते हैं."
ऑनलाइन मार्केट पर सामान बेचने से मिलता है अच्छा रिस्पांस:रायगढ़ के किसान मुकेश चौधरी ने बताया" मैं अपने खेत में सब्जी, धान और सरसों उगाता हूं. सरसों की प्रोसेसिंग कर तेल भी निकलता हूं. ओपन मार्केट में मुझे इन सभी को बेचने में काफी परेशानी होती थी और रेट भी सही नहीं मिलता था. कई दिन तो ऐसा होता था कि ओपन मार्केट में हमारा प्रोडक्ट बिकता ही नहीं था. जब मैंने ऑनलाइन एप्लीकेशन के माध्यम से अपने प्रोडक्ट को बेचना शुरू किया तब से मुझे प्रोडक्ट को बेचने में सुविधा मिली. हमें ग्राहकों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. ऑनलाइन मार्केटिंग होने से ग्राहक डायरेक्ट हम तक जुड़ जाते हैं या फिर जिसका एप्लीकेशन है, वह हमारे प्रोडक्ट को हमारे घर से ले जाता है. इससे हमारे ट्रांसपोर्ट का भी खर्चा बचता है."
जानें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के फायदे:किसानों ने बताया "आजकल बहुत तरह के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और मार्केटिंग एप्लीकेशन आ गए हैं. कुछ किसानों को इससे फायदा भी पहुंच रहा है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किसी भी प्रोडक्ट को बेचने से फायदा यह है कि आप एक एप्लीकेशन के माध्यम से हजारों-लाखों लोगों तक जुड़ सकते हैं. इससे आपके प्रोडक्ट को एक्सपोजर मिलता है. वहीं आपके प्रोडक्ट के बिकने के चांसेस भी बढ़ जाते हैं. कुछ मार्केटिंग एप्लीकेशन डायरेक्ट आपके प्रोडक्ट को आपके नाम और आपके नंबर के साथ बेचते हैं, ताकि ग्राहक सीधा आपसे कांटेक्ट कर सके. कुछ एप्लीकेशन आपके प्रोडक्ट को अपने पास मंगा कर अपने नाम से उसे भेजते हैं, लेकिन ऑनलाइन मार्केटिंग और मार्केटिंग प्लेटफार्म की वजह से किसानों को फायदा पहुंच रहा है."