छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

falgun purnima 2023: फाल्गुन पूर्णिमा का क्या है महत्व ? जानिए - फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पंद्रहवी तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. सनातन परंपरा के अनुसार फाल्गुन माह में चंद्रमा पृथ्वी के बहुत करीब होते हुए अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है. फाल्गुन पूर्णिमा का धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व माना गया है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास जिसे साल का अंतिम मास माना गया है, उसमें आने वाली पूर्णिमा इस साल 07 मार्च 2023 को रहेंगी .

Falgun Purnima 7 March 2023
फाल्गुन पूर्णिमा 2023

By

Published : Feb 24, 2023, 10:29 PM IST

रायपुर: फागुन पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है, धार्मिक और सामाजिक रुप में यह पूर्णिमा काफी प्रचलित है. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो यह साल का आखिरी महीना है, इस साल इसका समापन 6 मार्च को शाम 4:17 बजे से अगले दिन 7 मार्च को शाम 6:09 बजे तक होगा. फाल्गुन पूर्णिमा 2023 के दिन लोगों द्वारा कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाते हैं.

फाल्गुन पूर्णिमा का महत्व :ऐसे में विद्वान मनीषियों द्वारा जानकारी में पाया गया कि यह दिन हिंदुओं के लिए कितना महत्वपूर्ण है और इस पर आप कौन से शुभ कार्य कर सकते हैं. इसलिए फाल्गुन कथा के तहत यह माना जाता है कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जी का जन्म समुद्र के गर्भ से हुआ था, इस कारण इन्हें समुद्र पुत्री भी कहा जाता है. यही कारण है कि यह दिन देवी लक्ष्मी के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.

फाल्गुन पूर्णिमा के व्रत से मां लक्ष्मी होती है प्रसन्न :फाल्गुन पूर्णिमा व्रत का पालन करने से घर में कभी भी धन, सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य की कमी नहीं होती है. माता लक्ष्मी की पूजा करने से श्री हरि विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. क्योंकि जहां मां लक्ष्मी हैं, वहीं भगवान विष्णु भी वास करते हैं . फाल्गुन पूर्णिमा महत्व के अनुसार कहा गया है कि इस व्रत को करने से दुखों से मुक्ति मिलती है एवं लक्ष्मी माता और श्री हरि विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

Aaj ka Panchang: 24 फरवरी का शुभ मुहूर्त और राहुकाल, जानिए

इस तरह से करें पूजा: फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन में शामिल होने से पहले शरीर पर उबटन लगाकर साफ जल से स्नान करें। फाल्गुन पूर्णिमा पूजा विधि के तहत अपने घर में होलिका बनाकर, गोबर से होलिका माता की पूजा करें. इस दिन भगवान नरसिंह की पूजा करने का भी विशेष महत्व है. सच्चे मन से भगवान नरसिंह की पूजा करने से सभी दुख-दर्द और दोष दूर हो जाते हैं. होलिका दहन के बाद होलिका की 5 या 7 बार परिक्रमा करनी चाहिये साथ ही अपने घर के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना चाहिये.

ABOUT THE AUTHOR

...view details