रायपुर:कोरोना वायरस आज पूरे विश्व में महामारी की तरह फैला हुआ है. इससे निपटने के लिए पूरा विश्व आज एकजुट है और कोरोना वायरस का इलाज खोज रहा है. कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए भारत में 21 दिन के लिए लॉकडाउन किया गया है. देश में सभी आने जाने वाली बस, ट्रेन, फ्लाइट सेवा सब को बंद कर दिया गया है. जिससे काफी लोगों को असुविधा का सामना भी करना पड़ रहा है.
लॉकडाउन में मजदूर की स्थिति देश में लाखों मजदूर जो डेली वेजेस पर काम करते हैं, आज उनको अपना घर चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. डेली वेजेस पर वो पूरे दिन में 350 से लेकर 400 रुपए तक कमाते थे. आज कंपनी बंद होने से उन्हें काम भी नहीं मिल पा रहा है, जिससे उन्हें अपना घर चलाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
कारखाने के मजदूर हो रहे प्रभावित
मध्य भारत का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र रायपुर के सिलतरा और उरला को कहा जाता है. जो कि आज कोरोना वायरस के कारण देशभर में हुए लॉकडाउन की वजह से पूरी तरह बंद है. जिससे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पूरे देश को आर्थिक रूप से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं बात की जाए इस कारखानों में काम कर रहे मजदूरों की तो, आज उन्हें भी पूरी मजदूरी नहीं मिल पा रही है, जो मजदूरों डेली वेजेस पर काम करते थे. आज उन्हें हफ्ते में कारखानों की तरफ से 500 रुपए दिया जा रहा है, ताकि वह अपना घर चला सके.
500 रुपए में घर चलाने के लिए मजबूर
ETV भारत ने कंपनी के कुछ मजदूरों से बातचीत की. उन्होंने बताया कि आज कोरोना वायरस के चलते पूरा देश बंद है और हम भी घरों में बैठे हुए हैं. पहले हमें मजदूरी कर कारखानों में 350 से 400 रुपए डेली कमा लेते थे, लेकिन आज कारखाने बंद होने की वजह से हमें काम नहीं मिल पा रहा है. जिस कारखानों में हम काम करते हैं, वहां से हमें घर चलाने के लिए हफ्ते में सिर्फ 500 रुपए दिया जा रहा है. जिससे हमें दिक्कत तो जरूर हो रही है, लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं. कारखानों से मिलने वाले 500 रुपए से ही घर चलाने के लिए मजबूर हैं.