रायपुर: छत्तीसगढ़ में फिर कमल खिला है. बीजेपी खेमे में खुशी की लहर है. बीजेपी ने कांग्रेस का किला ढहा दिया. 90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा की 54 सीटों पर बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की. वहीं भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार 35 सीटों पर ही हांफ गई. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को भी पाली तानाखार की एक सीट मिली.
कांग्रेस की हार के पीछे घोटाले:विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले भाजपा ने कांग्रेस और मुख्यमंत्री पर आरोप लगाने के लिए कोयला घोटाले, फिर शराब घोटाले और महादेव सट्टेबाजी ऐप के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मैराथन छापेमारी का हवाला दिया है. महादेव एप के संबंध में आरोप यह है कि पार्टी और उसके मुख्यमंत्री को सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों से 508 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ मिला है.
बीजेपी ने कांग्रेस पर खासकर 2021-22 के लिए नौकरी भर्ती में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की भर्ती में राजनेताओं, नौकरशाहों के रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों को लेकर पक्षपात का आरोप लगाया. पूर्व सीएम रमन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सीबीआई से जांच कराने का आग्रह किया.
मोदी की गारंटी: बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में जनता से कई वादे किए. इनमें गरीब परिवारों के लिए 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर और 12,000 रुपये प्रति वर्ष वित्तीय सहायता शामिल है.
भाजपा का किसानों को लुभाना, चुनावी वादे:2018 में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में तत्कालीन रमन सिंह सरकार को हरा दिया था. धान किसानों के बीच नाखुशी को एक प्रमुख कारण माना गया कि 2018 में भाजपा की सीटें सिर्फ 15 सीटों पर सिमट गईं. भाजपा ने इससे सबक लिया. इस बार अपने चुनाव घोषणापत्र में 3,100 रुपये प्रति क्विंटल (21 क्विंटल प्रति एकड़) पर धान खरीदने का वादा किया.
कांग्रेस में अंतर्कलह:छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच ढाई ढाई साल के फार्मूले को लेकर आंतरिक संघर्ष लगातार चलता रहा.