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फिर होते-होते बचा आंखफोड़वा कांड, रंग लाई स्वास्थ्य विभाग की मुस्तैदी

प्रदेश में एक बार फिर आंखफोड़वा कांड होने से बच गया. शहर के मेकाहारा अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने आंख के ऑपरेशन में इस्तेमाल करने वाली दवाई पर रोक लगा दी है.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया निर्देश

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Published : Oct 25, 2019, 10:58 AM IST

रायपुर: शहर के पंडित जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में एक बड़ा हादसा होते-होते बचा. स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल में इस्तेमाल किए जाने वाली एक दवाई में गैर अमानक पदार्थ पाया है. आंख के ऑपरेशन में उपयोग होने वाली इस दवाई पर विभाग ने तत्परता दिखाते हुए रोक लगा दी है. इसके चलते प्रदेश में आंख के मरीजों के साथ एक बड़ा हादसा होने से टल गया.

दवाई में गैर जरूरी पदार्थ मिलने पर लगाई रोक

नेत्र विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक आईवी फ्लूइड में अज्ञात पदार्थ पाया गया. यह अज्ञात पदार्थ इस्तेमाल करने के पहले देख लिया गया. अनावश्यक पदार्थ पाए जाने पर सारे ऑपरेशन रद्द कर दिए गए. इससे बड़ा हादसा होने से टला गया.

दवाई इस्तेमाल न करने के निर्देश
इसकी सूचना नेत्र विभाग के अध्यक्ष, राज्य कार्यक्रम अधिकारी (NPCB) को दी गई. साथ ही इस दवाई का निजी और शासकीय दोनों अस्पतालों में इस्तेमाल न करने के निर्देश भी दिए गए हैं. CGMSC ने आईबी फ्लूइड को गोवा की कंपनी से खरीदा है.

बालोद में हुआ था आंखफोड़वा कांड
बता दें कि छत्तीसगढ़ के बालोद जिले का आंखफोड़वा कांड अब तक किसी ने भुलाया नहीं है. 22 सितंबर 2011 को सरकारी लापरवाही के चलते यहां के 48 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी.

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