रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतौर वित्त मंत्री 1 मार्च को छत्तीसगढ़ का बजट पेश करेंगे. इस बजट को लेकर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई है. गृह विभाग से संबंधित योजनाओं और कार्यों पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं. खासतौर पर नक्सल समस्या से निपटने और उस क्षेत्र के विकास के लिए बजट में क्या प्रावधान रहेगा. इसे लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं.हालांकि गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू पहले ही गृह विभाग से संबंधित मांगों और सुझावों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अवगत करा चुके हैं.
इस बार के बजट में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों से मोर्चा लेने किस तरह की योजनाओं संसाधनों या फिर अन्य किसी उपक्रम का समावेश किया जा सकता है. गृह विभाग को आखिर ऐसी कौन-कौन सी सौगातें दी जानी चाहिए, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे जवानों को मदद मिले और उनका मनोबल बढ़े. स्थानीय लोगों का विकास हो साथ ही नक्सलियों का सफाया किया जा सके.
इस विषयों पर ETV भारत ने अलग-अलग वर्गो से बात की.आइए आपको बताते हैं कि इस बातचीत के दौरान लोगों ने क्या कहा.
संपर्क और संचार व्यवस्था पर फोकस
नक्सल एक्सपर्ट वर्णिका शर्मा का इस बजट को लेकर कहना है कि छत्तीसगढ़ नक्सल समस्या जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए सीधे तौर पर सुरक्षाबल सामने आते हैं. इस लिहाज से सुरक्षाबलों के लिए सुविधाओं में इजाफा करना पड़ेगा. इसके साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र की आम जनता के लिए काम करना पड़ेगा. क्षेत्र में संपर्क और संचार व्यवस्था पुख्ता करनी पड़ेगी.
'समर्पण से लेकर पुनर्वास नीति तक हो अच्छा सामंजस्य'
नक्सल एक्सपर्ट वर्णिका शर्मा ने बताया कि नक्सलियों के समर्पण से लेकर पुनर्वास नीति तक अच्छा सामंजस्य होना चाहिए. प्राथमिकता के तौर पर सरकार को समर्पण और पुनर्वास नीति के बीच सामंजस्य बिठाते हुए इस बात का ध्यान रखना होगा कि उनकी दैनिक समस्याएं सुलझ जाए. इसके साथ ही उन्हें रोजगार भी मुहैया कराया जाए.
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'बजट में रखना होगा सिविक एक्शन प्रोग्राम का ध्यान'
वर्णिका शर्मा ने ETV भारत से बात करते हुए कहा कि तीसरी और महत्वपूर्ण बात दंतेवाड़ा के अंदरूनी क्षेत्र में जहां लगातार नक्सली घटनाएं होती है वहां सिविक एक्शन प्रोग्राम काफी लाभदायक साबित हो रहे हैं. वर्णिका ने बताया कि सिविक एक्शन प्रोग्राम और बढ़ाने की जरूरत है. नक्सल क्षेत्रों में रक्षा बजट को उस अनुरूप तैयार करना होगा.
'कैपिटल और रिवेन्यू बजट हो एक समान'
वर्णिका ने बताया कि जब भी हम बजट का वर्गीकरण करते हैं तो उसमें दो कंपोनेंट सामने आते हैं. एक होता है कैपिटल बजट और दूसरा होता है रिवेन्यू बजट. कैपिटल बजट वो होता है कि जैसे थानों का निर्माण करना है. उसके लिए नए-नए इक्विपमेंट्स लाने है. रिवेन्यू बजट के अंतर्गत सुरक्षा बलों का वेतन आता है. बजट में कैपिटल और रिवेन्यू दोनों बजट को एक समानांतर रूप से लेकर चलना होगा.