रायपुर:हमारे देश में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है. अपनी जान की परवाह किये बगैर डॉक्टर लोगों की जान बचाते हैं. जिस तरह कोरोना महामारी के दौरान विश्वभर के डॉक्टरों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर संक्रमित लोगों का इलाज किया और लाखों लोगों की जान बचाई...ये इसका जीता जागता उदाहरण है कि चिकित्सक भगवान का रूप होते हैं. डॉक्टरों के बलिदान और उनके योगदान के सम्मान के लिए दुनिया भर में अलग-अलग दिन डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. हमारे देश में 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे 2022 मनाया (Expansion of health facilities in Chhattisgarh after independence ) जाता है. यह दिवस महान चिकित्सक डॉ. बिधान चंद्र राय की जयंती के दिन मनाया जाता है.
इस नेशनल डॉक्टर्स डे के मौके पर ईटीवी भारत आपको छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में बताने जा रहा है. किस तरह आजादी के बाद से यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास (health facility in chhattisgarh) हुआ.
ऐसे हुई स्वास्थ्य सुविधाओं की शुरुआत: छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल के सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया, "अविभाजित मध्य प्रदेश में ब्रिटिश शासक द्वारा 1900 से पहले कुछ अस्पताल बनवाए थे, यहां मिशनरी के अस्पताल भी लंबे समय छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में काम कर रहे हैं. स्वास्थ्य सुविधाएं थी लेकिन दूरस्थ अंचल में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर नाम मात्र के अस्पताल थे. रायपुर में पहले स्त्री रोग विशेषज्ञ अस्पताल था. जिसे अब निर्वाचन कार्यलय के रूप में परिवर्तित किया गया है. 1900 में डॉ. कल्याण सिंह अस्पताल बना, जिसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के तौर पर विकसित किया गया. आजादी के पहले से यह अस्पताल काम कर रहा है. बाद में 1964 में मेडिकल कॉलेज बना. तब वर्तमान में जो आयुर्वेदिक कॉलेज है. वहां मेडिकल कालेज शुरू हुआ, जिसे जिला अस्पताल से सम्बंधित किया गया. धीरे-धीरे सुविधाएं विकसित होती गई. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनते गए. धमतरी में अस्पताल बना, जगदीशपुर में मिशनरी का अस्पताल बना, बैतलपुर में, बिलासपुर में, मिशनरी के अस्पताल थे. लेकिन धीरे-धीरे रायपुर चिकित्सा सेवा का केंद्र बनाता गया. सन 2000 के बाद रायपुर में प्राइवेट अस्पतालों का विकास तेजी से हुआ."
1955 से 1960 के बीच रायपुर में प्राइवेट अस्पताल की शुरुआत हुई:डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया, " सन 1955 से 1960 के बीच रायपुर में प्राइवेट अस्पतालों का विकास शुरू हुआ. मेरी जानकारी के अनुसार डॉ. सुब्बाराव ने रायपुर में पहला अस्पताल शुरू किया, जो बस्तर बाड़ा में है. डॉ. सोमनाथ साहू ने 1960 के बाद शहर में अस्पताल शुरू किया. उसके बाद सिविल लाइन में डॉ. सग्गगर ने अस्पताल शुरू किया."
रायपुर का पहला स्पेशयलिस्ट डॉक्टर: डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया, "रायपुर के पहले स्पेशयलिस्ट डॉक्टर कमला तिवारी ने सिविल लाइन में अस्पताल शुरू किया. धीरे-धीरे सन 1970 कर बाद कुछ अस्पताल विकसित हुए. लेकिन सन 1985 के बाद प्राइवेट अस्पतालों का दौर शुरू हुआ. आज रायपुर में 300 के करीब अस्पताल हैं."
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