धमतरी: एक बाप अपनी तमाम तकलीफों को बर्दाश्त कर सकता है, लेकिन बच्चे की भूख उसे अंदर तक झकझोर देती है. शायद इसी दर्द ने धमतरी के युवक को खुदकुशी करने पर मजबूर कर दिया होगा. जिसकी वजह से उसने सूबे के मुखिया के दरवाजे पर खुद को आग के हवाले कर दिया. मुख्यमंत्री के बंगले के सामने हुई इस घटना से जहां पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है. वहीं रिश्तेदार अभी भी सकते में हैं. अब सरकार से लेकर विपक्ष तक पीड़ित हरदेव के घर पहुंच हर संभव मदद का आश्वासन दे रहे हैं.
मामला 'धान के कटोरे' में बेरोजगारी और भुखमरी का बताया जा रहा है. दरअसल, खेती पर निर्भर इस परिवार का मुखिया हरदेव बीते कुछ वर्षों से रोजगार के लिए भटक रहा है. हरदेव पर गरीबी और बेरोजगारी की मार इतनी भयावह पड़ी कि बच्चों का पेट भरना भी उसके लिए दूभर हो गया. सोमवार को जब इस दर्द की इंतहा हो गई, उसने सूबे के मुखिया के सामने ही खुद मौत के हवाले करने के लिए सोच लिया. हालांकि वहां मौजूद लोगों ने उसे बचा लिया है.
'बीमार नहीं है हरदेव'
इस बीच खबरें आई कि हरदेव मानसिक रूप से बीमार है, लेकिन परिवार का कहना है कि उसका मानसिक संतुलन बिल्कुल ठीक है, वो सिस्टम और बेरोजगारी से पीड़ित है. हरदेव की पत्नी ने बताया, वो दो वक्त की रोटी के लिए परेशान है. घर में खाने को एक दाना तक नहीं है. हालांकि बीते कुछ दिनों से परिवार वालों से उधार का चावल लेकर अपना और अपने बच्चे का पेट पाल रहा था, लेकिन कोई काम न मिलने और बार-बार परिवार वालों से मांगकर खाते हुए वो भी परेशान हो गया था.
'सब ठीक हो जाएगा'
हरदेव की पत्नी बसंती ने ETV भारत से बात करते हुए बताया कि, लॉकडाउन से पहले उनका परिवार सुखी से जीवन यापन कर रहा था, लेकिन लॉकडाउन के कारण काम छूट गया और हरदेव की आर्थिक स्थिति बिगड़ते चली गई. बसंती ने बताया कि महीने भर पहले रोजगार गारंटी के तहत उसे 4 सप्ताह और हरदेव को 12 दिनों तक काम मिला था, लेकिन उस दौरान कमाए पैसे खत्म हो गए, जिसके बाद कुछ दिनों तक काम मिलने की आस में परिवार वालों से उधार लेकर काम चलाता रहा. जब काम मिलने की सभी उम्मीदें लगभग खत्म हो गई, तो उसने ऐसा कदम उठा लिया. बसंती ने बताया कि इस घटना के बाद सूबे के मुखिया ने उनसे बात करते हुए कहा है कि सब ठीक हो जाएगा और वे उनकी हर सहायता मदद करेंगे.
पढ़ें: मुख्यमंत्री ने हरदेव की पत्नी से की बात, हर संभव मदद का दिया आश्वासन