रायपुर: लॉकडाउन के दौरान मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा है, जिसमें ज्यादातर स्टूडेंट्स है जो ऑनलाइन गेम सोशल मीडिया और इंटरनेट सर्फिंग का उपयोग करते हैं. इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल से साइबर हैकिंग का खतरा काफी बढ़ जाता है. हैकर्स फर्जी लिंक बनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे. साइबर हैकिंग कैसे, क्या है और ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है, इस विषय पर ETV भारत ने साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा से खास बातचीत की है.
साइबर सिक्योरिटी को लेकर मोनाली गुहा ने बताया कि साइबर सिक्योरिटी साइबर एथिक्स आज के समय में बहुत ही अहम विषय है और यह आज के युवाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है. क्योंकि आज के युवा ज्यादातर अपना समय मोबाइल में ही व्यतीत करते हैं. ऑनलाइन गेम्स हो या इंटरनेट सर्फिंग या पढ़ाई के लिए युवा ज्यादातर इंटरनेट का उपयोग करते हैं. इस दौरान हम अपनी पर्सनल जानकारी इंटरनेट में डाल देते हैं जिस वजह से जो डाटा है वह सार्वजनिक हो जाता है. जिसके बाद कोई भी उसे इस्तेमाल कर सकता है.
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मोनाली गुहा ने बताया कि अगर मोबाइल और लैपटॉप में एंटीवायरस नहीं डलवाया गया है तो सिस्टम से आपका डाटा लीक हो सकता है, कई लोग आपके डाटा का इस्तेमाल आपको ब्लैकमेल करने में भी यूज करते हैं. जिसे साइबर क्राइम कहा जाता है. इंडिया में मोबाइल एंटीवायरस के बारे में लोग बहुत कम जानते हैं.